• May 21, 2024 4:01 pm

शेयर बाजार में हाहाकर, निफ्टी 16 हजार अंक के नीचे, निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

19 मई 2022 | गुरुवार को सेंसेक्स 53 हजार अंक के नीचे आ गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1416.30 अंक या 2.61 फीसदी लुढ़क कर 52,792.23 अंक पर ठहरा। निफ्टी की बात करें तो 430.90 अंक नुकसान के साथ 15,809 अंक पर रहा।

वैश्विक मुद्रास्फीति की चिंताओं की वजह से भारतीय शेयर बाजार भारी बिकवाली के दौर से गुजर रहा है। सिर्फ गुरुवार के कारोबार के दौरान बाजार में बिकवाली इतनी ज्यादा रही कि निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लग गई। 

क्या है सेंसेक्स का हाल: अमेरिकी शेयर बाजारों में बुधवार को आई सुनामी का असर घरेलू शेयर बाजार पर दिख रहा है। गुरुवार को सेंसेक्स 53 हजार अंक के नीचे आ गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1416.30 अंक या 2.61 फीसदी लुढ़क कर 52,792.23 अंक पर ठहरा। निफ्टी की बात करें तो 430.90 अंक या 2.65 फीसदी नुकसान के साथ 15,809.40 अंक पर बंद हुआ।

इस बिकवाली के माहौल में बीएसई का बाजार पूंजीकरण एक दिन पहले के 255.7 लाख करोड़ रुपये से 6.60 लाख करोड़ रुपये गिरकर 249.17 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह निवेशकों का नुकसान है।

बता दें बुधवार को डाऊ जोंस 1,164.52  अंक या 3.57% लुढ़ककर 31,490.07 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, नैस्डैक भी 4.73 फीसद या 566 अंकों का गोता लगाकर 11428 के स्तर पर आ गया। इसके अलावा एसएंडपी भी 4.04 फीसद या 165 अंकों की भारी गिरावट के साथ 3923 के स्तर पर बंद हुआ।,

क्यों धड़ाम हुआ वॉल स्ट्रीट

खुदरा विक्रेता के खराब नतीजों के साथ अमेरिकी शेयर बुधवार को फिर से लाल हो गए, क्योंकि कंपनियों ने मुद्रास्फीति के माहौल को नेविगेट करते हुए कॉर्पोरेट मुनाफे के बारे में चिंताओं को रेखांकित किया।
वॉलमार्ट इंक से लेकर मैसीज इंक तक के रिटेलर्स के शेयर भी फिसले। स्टैटिस्टिक्स कनाडा के आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटिश मुद्रास्फीति 1982 के बाद से अपनी उच्चतम वार्षिक दर तक बढ़ गई है, क्योंकि ऊर्जा बिल बढ़ गए हैं, जबकि कनाडा की मुद्रास्फीति पिछले महीने बढ़कर 6.8% हो गई, जो बड़े पैमाने पर भोजन और आश्रय की कीमतों में वृद्धि से प्रेरित है।

ब्रिटिश मुद्रास्फीति अब प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है, लेकिन दुनिया भर में कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे केंद्रीय बैंकों को वृद्धि पर संभावित प्रभाव के बावजूद ब्याज दरों में वृद्धि करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बढ़ती कीमतों और सामग्री की कमी ने पहले ही गृह निर्माण को प्रभावित किया है, अर्थव्यवस्था का क्षेत्र दरों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील है, लेकिन अमेरिकी वाणिज्य विभाग की रिपोर्ट में घरों के निर्माण का रिकॉर्ड बैकलॉग भी दिखाया गया है, जो दर्शाता है कि संभावित रूप से गृह निर्माण में गिरावट मामूली होगी।

डॉलर के मुकाबले रुपया के कमजोर होने की वजह से भी बाजार प्रभावित हुआ है। कमजोर रुपया भारतीय इक्विटी में निवेश को विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक नहीं बनाता है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने का सिलसिला बदस्तूर जारी होने की वजह से भी बाजार रेंगता नजर आ रहा है।

बुधवार को बाजार ने शुरुआती बढ़त गंवाई, सेंसेक्स 110 अंक टूटा

वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख के बीच उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बुधवार को शेयर बाजारों ने शुरुआती लाभ गंवा दिया और सेंसेक्स 109.94 अंक टूटकर बंद हुआ। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 109.94 अंक यानी 0.20 फीसद गिरकर 54,208.53 अंक पर आ गया।

दिन में कारोबार के दौरान यह एक समय 54,786 अंक के उच्चस्तर तक गया और 54,130.89 अंक के निचले स्तर तक भी आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 19 अंक यानी 0.12 फीसद के नुकसान से 16,240.30 अंक पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों का घरेलू बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। उन्होंने मंगलवार को 2,192.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

Source;-“हिंदुस्तान”  

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