राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत जिला प्रशासन ने 35 हजार 566 परिवारों का किया सर्वे।
25-फरवरी-2022 |वर्षों से रायपुर नगर निगम सीमा के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में मकान बनाकर रहने वाले 25 हजार से अधिक परिवारों को उनका मालिकाना हक यानी पट्टा मिलेगा। रायपुर जिला प्रशासन ने इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में 35 हजार 566 परिवारों का सर्वे किया है। बताया जा रहा है कि इस सर्वे में अभी तक 11 हजार 112 परिवार पात्र है और 10 हजार 162 परिवार अपात्र हुए हैं।
अपात्रों के आवेदनों की जांच
साथ ही 14 हजार से अधिक परिवारों के आवेदनों की जांच की जा रही है। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के तहत ऐसे लोगों को फायदा मिलेगा, जो वर्षों से मालिकाना हक के बिना रह रहे थे। इन लोगों को आए दिन कार्रवाई की भी चिंता सताती रहती थी। अपर कलेक्टर विरेंद्र बहादूर पंचभोई ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा सर्वे का काम किया जा चुका है। इस योजना से लोगों को काफी फायदा होगा।
इस आधार पर हुआ सर्वे
जिला प्रशासन द्वारा किया गया यह सर्वे रायपुर निगम सीमा के सभी जोन के साथ ही बिरगांव, आरंग, अभनपुर, गोबरा-नवापारा, खरोरा, कूरा, माना, तिल्दा में किया गया है। राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत हुए इस सर्वे में 19 नवंबर, 2019 को शहरी क्षेत्रों में शासकीय नजूल भूमि में निवास करने वाले आवासहीनों को ऐसी अधिभोग की भूमि पट्टे पर प्राप्त करने की पात्रता दी गई है।
700 स्क्वेयर फीट का मिलेगा पट्टा
बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत सामान्य रूप से 450 स्क्वेयर फीट की जमीन पट्टे पर दी जाएगी। अगर झुग्गीवासी इससे अधिक की जमीन पर निवास कर रहा है तो उसे अधिकतम 700 स्क्वेयर फीट की जमीन का मालिकाना हक मिलेगा।
आवश्यक कागजात
जिन परिवारों का सर्वे हुआ है और वे अपना पट्टा चाहते हैं, उनके पास राशन कार्ड होना चाहिए। अगर उनके पास राशन कार्ड नहीं है, उसके बदले बिजली बिल होना आवश्यक है।
10 से 15 रुपये के हिसाब से विकास शुल्क
जो भी पात्र परिवारों को पट्टा दिया जाएगा, उनसे 10 से 15 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से विकास शुल्क लिया जाएगा। पट्टा झुग्गी में रहने वाले व्यक्ति को ही दिया जाएगा और पट्टा परिवार के बालिग महिला सदस्य के नाम से ही रहेगा।
बिरगांव में बांटे गए 572 पट्टे
जिला प्रशासन द्वारा किए गए इस सर्वे के बाद पट्टा बांटने का काम भी शुरू हो गया है। बिरगांव में 573 पट्टों को वितिरत किया गया है। इन 573 पट्टों से विकास शुल्क के रूप में 27 लाख 84 हजार 315 रुपये मिले हैं।
source “नईदुनिया