03 मई 2022 | रोहित शर्मा ने हाल ही में टीम इंडिया की कप्तानी संभाली है। पर उम्र और फॉर्म का तकाजा ऐसा है कि शायद वह लंबे अरसे तक इंडियन क्रिकेट टीम की कप्तानी ना कर सकें। ऐसे में जानना दिलचस्प होगा कि आखिर चयनकर्ता रोहित के उत्तराधिकारी के तौर पर किस खिलाड़ी के साथ जाना चाहते हैं? महेंद्र सिंह धोनी के बाद तो विराट कोहली तैयार नजर आ रहे थे, लेकिन इस बार मामला उतना सीधा नहीं है।
इस बीच IPL 15 अब अपने लास्ट फेज की तरफ बढ़ रहा है। इस सीजन ने कई धुरंधर कप्तानों को जमीन पर ला पटका है तो वहीं कुछ गुमनाम नाम कप्तानी की दौड़ में अचानक आगे आ गए हैं। हर कप्तान के प्लस और माइनस पॉइंट हैं। पर सबसे जरूरी फैक्टर यह है कि कोई खिलाड़ी कप्तानी करते हुए भी अपने परफॉर्मेंस से टीम को जीत दर्ज करा पाता है या नहीं। टीम इंडिया ऐसे कप्तान की तलाश में है, जो लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट सिर्फ कहे नहीं बल्कि करता हुआ भी नजर आए।
ऋषभ पंत को विराट कोहली के बाद टीम इंडिया का अगला कप्तान माना जा रहा था। कहने वाले तो यहां तक कह रहे थे कि युवा खिलाड़ी जोश से भरा हुआ है और आने वाले 10 वर्षों तक देश को उसके जैसा होनहार कप्तान नहीं मिलेगा। सिक्सर किंग युवराज सिंह भी लगातार पंत को कप्तान बनाने की डिमांड कर रहे थे। पर इस IPL ने सब बदल दिया। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ जब अंपायर ने 20वें ओवर में नो-बॉल नहीं दी तो ऋषभ पंत का बर्ताव किसी गली क्रिकेट के खिलाड़ी सरीखा था।
जिस तरह पंत ने अपने दोनों बल्लेबाजों को खेल छोड़कर मैदान से बाहर आने का इशारा कर दिया, उससे भारतीय क्रिकेट पूरी दुनिया के सामने शर्मसार हुआ। अगर तुम आउट नहीं दोगे तो हम आगे नहीं खेलेंगे, अगर तुम नो-बॉल नहीं दोगे तो हम बैट बॉल लेकर घर चले जाएंगे। यह गली क्रिकेट में होता है। जब IPL में कप्तानी करते हुए पंत ऐसा गैर जिम्मेदाराना बर्ताव कर सकते हैं तो फिर अगर उनके हाथ टीम इंडिया की कप्तानी सौंप दी जाए, उसके बाद परिस्थिति कितनी भयावह हो सकती है?
यह तो कहानी का एक पहलू हुआ। दूसरा पक्ष यह है कि कप्तानी के दबाव में पंत का प्रदर्शन भी लगातार गिरता गया है। सीजन में खेले 9 मुकाबलों में उनके बल्ले से 33 की साधारण एवरेज से केवल 234 रन निकले हैं। परिणाम यह हुआ कि दिल्ली सिर्फ चार मुकाबले जीत सकी है। दिल्ली के फैंस को यकीन था कि बल्ले से धमाकेदार पारियां खेलकर पंत पहले तो टीम को प्लेऑफ तक ले जाएंगे और उसके बाद टीम इंडिया की कप्तानी के लिए मजबूत दावेदारी पेश करेंगे। पर देखते-देखते वक्त बदल गया, जज्बात बदल गए और हालात बदल गए।
श्रेयस अय्यर के बारे में कहा जाता है कि जो ठान लेते हैं, कर गुजरते हैं। चोट के कारण दिल्ली की कप्तानी नहीं कर सके तो मैनेजमेंट ने पंत को नया कप्तान बना दिया। अनमने ढंग से पंत की कप्तानी में आधा सीजन खेला और उसी समय श्रेयस ने सोच लिया कि अब उनके लिए दिल्ली दूर है। लखनऊ और गुजरात की नई फ्रेंचाइजी ने टीम में तो जगह तो ऑफर की, लेकिन कप्तानी का भरोसा नहीं किया। श्रेयस ने साफ इनकार कर दिया। IPL में उतरेंगे तो कप्तान के तौर पर ही उतरेंगे, फिर चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी देनी पड़े।
ऑक्शन में उतरे और कोलकाता ने बड़ी उम्मीदों से श्रेयस को खरीदा। पर टीम के प्रदर्शन के साथ-साथ श्रेयस की अपनी परफॉर्मेंस भी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। इस सबसे बढ़कर कोच ब्रेंडन मैकुलम के साथ उनके विवाद लगातार सुर्खियां बनाते रहे। हाल ही में इंडियन क्रिकेट ने वह काला दौर देखा था, जब कप्तान विराट कोहली और अनिल कुंबले का विवाद खुलकर सामने आया था। अगर श्रेयस कप्तान बनते हैं तो क्या गारंटी है कि जो वह मैकुलम के साथ कर रहे हैं, वह इंडियन कोच के साथ नहीं दोहराएंगे? श्रेयस के बारे में यही डर उन्हें हिंदुस्तान का अगला कप्तान बनने से रोक सकता है।
हर बार टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर्स के बीच रहने वाले श्रेयस इस बार 36 की एवरेज से 10 मुकाबलों में 324 रन बना सके हैं। उनका स्ट्राइक रेट भी गिरकर 133 हो गया है। वह 85 रनों की पारी खेलने के बावजूद मैच फिनिश नहीं कर पा रहे हैं और टीम को हार का मुंह देखना पड़ रहा है। श्रेयस लगातार अपनी कप्तानी के दौरान टीम में थोक के भाव बदलाव कर रहे हैं और इस कारण खिलाड़ियों में असुरक्षा का भाव साफ देखा जा सकता है। अगर आने वाले समय में श्रेयस अय्यर को टीम इंडिया कप्तान चुना जाता है तो यहां भी हर वक्त टीम में खिलाड़ियों की जगह खतरे में होगी।
Source;- ‘’दैनिक भास्कर’