• May 2, 2024 8:46 am

किसी भी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में लोग जल्द करा सकेंगे रजिस्ट्री, ‘एक जिला’ घोषित होगी दिल्ली

07 अप्रैल 2023 |  राजधानी में जल्द ही संपत्तियों की रजिस्ट्री किसी भी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में कराई जा सकेगी। इसके लिए पूरी दिल्ली को ‘एक जिला’ के रूप में घोषित किया जाएगा। इस कदम से भ्रष्टाचार और उत्पीड़न पर अंकुश लगेगा और विभिन्न सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में चक्कर लगाने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी।

वर्ष 2015 में आंध्रप्रदेश में इस तरह की व्यवस्था लागू की गई थी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बृहस्पतिवार को सतर्कता विभाग के साथ समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए।

इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामलों में शिकायत के लिए दिल्ली में भारत की पहली ऑनलाइन शिकायत सूचना प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी। इससे लोग बिना किसी परेशानी के सीधे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे। सब-रजिस्ट्रार कार्यालय पूरी तरह सीसीटीवी की निगरानी में होगा। उपराज्यपाल ने एजेंसियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ठोस तंत्र बनाने व निपटने में दिल्ली पुलिस और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) सहित विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के निर्देश की भी समीक्षा की। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को कम करने, दफ्तरों में दलालों की घुसपैठ रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए गए।

दलालों पर लगाम लगाने के लिए दबिश
उपराज्यपाल ने सब-रजिस्ट्रार ऑफिस, ट्रांसपोर्ट ऑफिस, ट्रेड, टैक्स और एक्साइज ऑफिस सहित इस तरह के जनता से जुड़े दफ्तरों में दलालों पर लगाम लगाने व पारदर्शिता लाने के लिए अधिकारियों को नियमित तौर पर औचक निरीक्षण और दबिश के भी निर्देश दिए। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार ऑफिस को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने सभी उप निबंधक कार्यालयों के पूरे क्षेत्र को सीसीटीवी की निगरानी में लाने के निर्देश दिए, जिसकी फीड सीधे सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को भेजी जाएगी।

देश में पहली बार ऑनलाइन शिकायत सूचना प्रणाली
बैठक में उपराज्यपाल को बताया गया कि देश में पहली बार एक ऑनलाइन शिकायत सूचना प्रबंधन प्रणाली (ओसीआईएमसी) विकसित की गई है। इस माध्यम से भ्रष्टाचार की शिकायतें ऑनलाइन होंगी। शिकायतों के साथ फोटोग्राफ, वीडियो, ऑडियो साक्ष्य ऑनलाइन अपलोड करने का प्रावधान होगा। उपराज्यपाल ने स्पष्ट किया कि भ्रष्ट व दोषियों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाए।

ईमानदारों को परेशानी भी नहीं होनी चाहिए। शिकायतकर्ता को पंजीकरण के साथ साक्ष्य अपलोड करना होगा। एक ई-शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि जानकारी तथ्यात्मक रूप से सही है। भूमि के स्टेटस को लेकर राजस्व विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले एनओसी को भी पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा, जिसमें किसी भी मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी। यह पूरी तरह फेसलेस होगा।सोर्स :-“अमर उजाला ”                         

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