11 नवम्बर 2021 | इस साल चंडीगढ़ में डेंगू के करीब 1100 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, इसलिए प्रशासन ने चंडीगढ़ में अब वेक्टर बोर्न डिजीज के लिए एक अलग से सेंटर बनाने की तैयारी की है। हाल ही में हुई एक मीटिंग में अधिकारियों ने इस सेंटर को लेकर चर्चा की। बात हुई कि डेंगू, मलेरिया, डायरिया और इसी तरह की बाकी वेक्टर बोर्न डिजीज को लेकर एक सेंटर में सभी तरह के इंतजाम होने चाहिए। अभी यह प्लानिंग प्रपोजल लेवल पर है, जिस पर आखिरी फैसला प्रशासन को लेना है।
प्रशासन के उच्च अधिकारियों की हुई इस मीटिंग के बाद इस तरह के सेंटर को बनाने के लिए जगह के ऑप्शन तलाशे जाने शुरू कर दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार जीएमसीएच सेक्टर-32 में बनने वाले स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की जगह वेक्टर बोर्न डिजीज सेंटर बनाने पर बात चल रही है। यह चेक करने के लिए कहा गया है कि स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर की जगह अगर वेक्टर बोर्न डिजीज के लिए सेंटर बनाया जाए तो इससे क्या ज्यादा फायदा होगा। हालांकि यह प्रपोजल अभी शुरुआती दौर में है।
प्रशासन के सीनियर ऑफिसर के मुताबिक अभी स्पोर्ट्स इंजरी की मामले बहुत कम आते हैं और उन्हें देखने के लिए हमारे पास दोनों अस्पताल (जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16) में भी फैसेलिटी है। जबकि हर साल वेक्टर बोर्न डिजीज के मामले काफी ज्यादा आ रहे हैं। अगर ये सेंटर बनता भी है तो वहां पर भी स्पोर्ट्स इंजरी के मामलों के लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड करवाया जा सकता है।
स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर छिना तो होगा शहर को नुकसान
स्पोर्ट्स इंजरी के लिए बनने वाले सेंटर के लिए जीएमसीएच सेक्टर-32 में करीब 1.4 एकड़ जमीन मंजूर हो चुकी है। इसकी बिल्डिंग को लेकर नक्शे वगैरह फाइनल स्टेज पर हैं। इस प्रोजेक्ट पर करीब 55 करोड़ का खर्च है, जो चंडीगढ़ प्रशासन ने करना है। इस सेंटर का मकसद था कि खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद यहां उनका इलाज किया जाए। यह देश का दूसरा स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस था, लेकिन अब इसकी जगह वेक्टर बोर्न डिजीज के लिए सेंटर बनाए जाने पर बात चल रही है। अगर ऐसा हो जाता है तो चंडीगढ़ के हाथ से एक बड़ा प्राेजेक्ट छिन जाएगा। क्योंकि चंडीगढ़ में स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनना अपने आप में बड़ी बात है।
Source :-“दैनिक भास्कर”