इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को फटकार लगाई है.
बैंक ने कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी साझा करने के लिए 30 जून तक का वक़्त मांगा था, जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 फ़रवरी को हुई सुनवाई के दौरान इलेक्टोरल बॉन्ड्स को असंवैधानिक क़रार देते हुए एसबीआई को इससे जुड़ी सभी जानकारियां छह मार्च तक चुनाव आयोग को देने के लिए कहा था, लेकिन बैंक ने ऐसा नहीं किया.
अब कोर्ट ने फटकार लगाते हुए बैंक से कहा है कि वह 12 मार्च तक यह जानकारी दे कि पिछले पांच सालों में किसने, कितने रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदकर किस पार्टी को दिए हैं?
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद विपक्षी पार्टियां बीजेपी को घेरने में लग गई हैं. उनका आरोप है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जानकारी साझा करने से घबरा रहा है.
उनका आरोप है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए सबसे ज़्यादा पैसा सत्तारूढ़ बीजेपी को दिया गया है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने को लेकर एसबीआई को और समय न दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का कांग्रेस पार्टी ने स्वागत किया है.
बेंगलुरु में तो युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एसबीआई शाखा के बाहर प्रदर्शन भी किया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद कहा है कि ‘नरेंद्र मोदी के चंदे के धंधे की पोल खुलने वाली है.’
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “100 दिन में स्विस बैंक से काला धन लाने का वायदा कर सत्ता में आई सरकार अपने ही बैंक का डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिर के बल खड़ी हो गई.”
राहुल गांधी ने कहा, “इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है, जो भ्रष्ट उद्योगपतियों और सरकार के नेक्सस की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लेकर आएगा.”
“क्रोनोलॉजी स्पष्ट है- चंदा दो-धंधा लो, चंदा दो-प्रोटेक्शन लो. चंदा देने वालों पर कृपा की बौछार और आम जनता पर टैक्स की मार, यही है भाजपा की मोदी सरकार.”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “इलेक्टोरल बॉन्ड प्रकाशित करने के लिए एसबीआई द्वारा साढ़े चार महीने मांगने के बाद साफ़ हो गया था कि मोदी सरकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की हरसंभव कोशिश कर रही है.”
उन्होंने कहा, “मीडिया रिपोर्ट्स से ये तो उजागर हुआ ही है कि भाजपा किस तरह ईडी-सीबीआई-आईटी रेड डलवाकर जबरन चंदा वसूलती थी. सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र में बराबरी के मौके की जीत है.”
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अजॉय कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि एक समय था जब बीजेपी कहती थी कि स्विस बैंक के अकाउंट खोलकर काला पैसा भारत ले आएगी और आज ये लोग स्टेट बैंक के अकाउंट तक नहीं खोल पा रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया है माइनिंग माफियाओं ने राज्य में बिजू जनता दल और केंद्र में बीजेपी की सरकार को इलेक्टोरल बॉन्ड दिए हैं.