• April 29, 2024 11:08 pm

आंसूओ पर सियासत गर्माई

By

Feb 3, 2021
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम 26 एवं 27 अगस्त का दौरा कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
प्रेस विज्ञप्ति

आंसूओ पर सियासत गर्माई

  • 15 साल तक आंसू दिखते ही नहीं थे : अब खुशी और उमंग से भरे किसान भी रमन सिंह को प्रतीत होते है
  • कांग्रेस का आरोप :- रमन सिंह जो सत्ता जाने की पीड़ा में बहा रहे आंसू किसानों से रमन सिंह जी को कोई सरोकार न 15 साल तक था, न आज है

रायपुर/03फरवरी 2021। धान खरीदी को लेकर रमन सिंह के आंसू वाले बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि इस बयान से सब कुछ आइने की तरह स्पष्ट हो गया। किसानों की वजह से सत्ता गयी जिससे रमन सिंह, आंसू बहा रहे है। राज्य में किसान खुश है जो रमन सिंह से बर्दाशत नहीं हो रहा है। भाजपा की रमन सिंह सरकार में किसान उतने ही त्रस्त थे, जितने अब मोदी से त्रस्त है। रमन सिंह सरकार में बहे किसानों के आंसूओ से तो गंगरेल छलक जाता। सत्ता जाने की पीड़ा में बहे रमन सिंह के आंसू सिकासेर और तांदुला को भरने के लिये पर्याप्त है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 15 साल तक रमन सिंह को किसान के आंसू नहीं दिखते थे। 15 साल के कार्यकाल मे आखरी साल 3 लाख 71 हजार पंजीकृत किसानों का धान नहीं खरीदा गया। वे आंसू क्यों नहीं दिखते थे। हसदेव बांगो बांध से दोनो फसलो के लिये पानी मिलता था, रमन सिंह जी जब आपने किसानों को दूसरी फसल के लिये पानी देना बंद किया तब किसानों के झलकते आंसू क्यों नहीं दिखते। रोगदा बांध को आपने बेच दिया, पेड्रावन बांध भी आपने बेच दिया, तब आपको किसानों के छलकते आंसू नहीं दिखे। 2013 में 2100 रू. समर्थन मूल्य और 300 रू. बोनस कुल 2400 रू. प्रति क्विंटल धान का समर्थन देने का वादा करके 1470 रू. दिये। 930 रू. प्रति क्विंटल की डकैती किसानों की आय पर करते रहे। तब किसानों के छलकते आंसू आपको नहीं दिखे। रमन सिंह जी आपके कार्यकाल में किसान विरोधी नीतियों और आपके द्वारा किये जाने वाले वादा खिलाफी के चलते रोज लगभग 4 किसान आत्महत्या करने मजबूर थे, उनके परिजनों के छलकते आंसू आपको कभी नहीं दिखे। लोहारीगुण्डा में बिना उद्योग लगाये किसानों की जमीन छीन ली गयी, तब किसानों के छलकते आंसू आपको क्यों नहीं दिखते थे रमन सिंह जी?

शैलेश नितिन त्रिवेदी
अध्यक्ष कांग्रेस संचार विभाग
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *