12 अप्रैल2022 | वैशाख में भगवान विष्णु के साथ शिवजी की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है। इसके लिए 13 और 14 मई को खास संयोग भी बन रहा है। इनमें शुक्रवार को प्रदोष और अगले दिन शनिवार को चतुर्दशी का योग बन रहा है। इस तिथि के स्वामी शिवजी ही हैं। इन दो दिनों में जल से शिवलिंग का अभिषेक और पूजा करने पर उम्र बढ़ती है और हर तरह की परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। शिव पुराण के मुताबिक ये दोनों दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए बहुत खास माने गए हैं। इन तिथियों पर की गई शिव पूजा से कई गुना शुभ फल मिलता है।
जल चढ़ाने से दूर होती है परेशानियां
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि वैशाख महीने में शिवलिंग पर पानी का कलश या घड़ा स्थापित किया जाता है। माना जाता है कि जैसे घड़े से पानी की बूंद-बूंद शिवलिंग पर गिरती है, उसी तरह परेशानियां भी पानी की तरह बहकर दूर हो जाती है। इसलिए इन दो दिनों में शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए
शारीरिक परेशानियों से छुटकारा
वैशाख महीने के प्रदोष और शिव चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर मदार, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं। साथ ही शिवजी को मौसमी फलों का भोग लगाएं। इन दो दिनों में सत्तू, तरबूज और जल के घड़े का दान करना बेहद शुभ होता है। इन चीजों का दान करने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं।
शिव पूजा के 2 दिन
1. प्रदोष तिथि यानी 13 मई को व्रत रखें और शाम को सूर्यास्त के समय शिव पूजा करनी चाहिए। इस दिन शिवलिंग पर बिल्व पत्र और सफेद फूलों की माला चढ़ाएं। साथ ही घी का दीपक लगाएं। मिट्टी के मटके में पानी भरकर शिव मंदिर में दान करें।
2. चतुर्दशी यानी 14 मई को भगवान शिव और पार्वती देवी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन देवी पार्वती को सौभाग्य सामग्री यानी 16 श्रंगार चढ़ाए जाते हैं। जिससे परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
Source;- ‘’दैनिकभास्कर’’