13जुलाई 2022 शहर में घूमने वाली गायों की सुरक्षा को लेकर समाजसेवी संस्था शांता फाउंडेशन ने सड़कों पर विशेष अभियान चलाया। अभियान के दौरान गायों के गले में एक खास किस्म के रेडियम बेल्ट पहनाए गए हैं। इस बेल्ट के कारण गाय दूर से वाहनों को नजर आ जाएंगे। इससे दुर्घटना नहीं होगा और गाय व आदमी दोनों सुरक्षित रहेंगे। समाजसेवी संस्था शांता फाउंडेशन की यह अच्छी पहल है। इस तरह के प्रयास अन्य संस्थाओं को भी करना चाहिए। शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं, जहां गाय बैठी न हो।
शहर की विद्युत व्यवस्था में कुछ खास नहीं है। अधिकांश जगहों में अंधेरो छाया रहता है। इन्हीं कारणों से सड़क पर गाय नजर नहीं आता। इस वजह अक्सर दुर्घटनाएं होती है। शहर के अंदर व बाहर दुर्घटनाएं हो भी चुकी है। इस तरह की स्थिति निर्मित न हो इसलिए फाउंडेशन ने पहल करते हुए बिलासपुर की सड़कों पर अभियान चलाया। सड़कों पर घूमनेवाली गाय के गले में इस खास किस्म की रेडियम बेल्ट को पहनाया। इससे अंधेरे में भी दूर से आती हर गाड़ियों की रोशनी से बेल्ट चमकेगी। जिससे ड्राइवर सर्तक हो जाएंगे और इंसानों के साथ-साथ पशु भी घायल होने से बच सकेंगे।
शांता फाउंडेशन टीम के सदस्यों ने शहर के तोरवा अरपा पुल व मोपका बिलासपुर सड़कों पर घूम-घूमकर मिलनेवाले हर पशुओं के गले में बेल्ट को बांधा। ताकि बढ़ती दुर्घटना को रोका जा सके।शांता फाउंडेशन के संस्थापक समाजसेवी नीरज गेमनानी ने बताया कि कोई भी जानबूझकर सड़क पर बैठी गायों को टक्कर नहीं मारते है, लेकिन दूर से नजर न आने के कारण कई बार मवेशी हादसों का शिकार हो जाते है। इन मवेशियों को हादसों से बचाने के लिए उन्होंने यह मुहिम छेड़ी है। पिछले कई सालों से अभियान को रिस्पांस भी मिला है। अभियान को सफल बनाने में शांता फाउंडेशन बिलासपुर के संस्थापक समाजसेवी नीरज गेमनानी, रूपाली पांडेय, प्रिया गुप्ता, प्रितेश राठौर व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
Source;-“नईदुनिया”