करनाल:- हरियाणा व पंजाब के कई जिलों में दो दिन से हो रही बरसात व कड़ाके की ठंड गेंहू की फसल के लिए वरदान साबित होगी। आसमान से फसलों पर पड़ रही बूंदाबांदी गेंहू की फसल पर सोना बनकर बरस रही है। मौसम के स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश में इस बार रिकार्ड उत्पादन होगा। बरसाती ठंड से कृषि वैज्ञानिकों के चेहरे खिले नजर आए। करनाल स्थित राष्ट्रीय गेहूं अनुसंधान संस्थान ने 2021 में बम्पर फसल की उम्मीद जताई है।
वर्ष 2021 बहुत उम्मीदों के साथ दस्तक दे रहा है। इस वर्ष में देश मे कृषि उत्पादन के नए रिकार्ड छूने की उम्मीद है। इस बार पड़ रही कड़ाके की ठंड व बरसात गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगी। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अगर कोहरा ऐसे ही लगातार पड़ता रहा तो इस बार गेहूं की बम्पर पैदावार होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय गेहूं अनुसन्धान संस्थान करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ये हम सब के लिए बहुत हर्ष का विषय है कि ये मौसम गेहूं की फसल के लिए बहुत अनुकूल है। अगर सर्दी और कोहरा ऐसे ही पड़ता रहा तो हम इस सीजन में रिकार्ड 112 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। हालांकि भारत सरकार ने इस बार 102 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का ही लक्ष्य निर्धारित किया है, किंतु हमे आशा है कि हम इससे कहीं अधिक उत्पादन प्राप्त करेंगे। सर्दी अच्छी पडऩे से गेहूं की बम्पर फसल होने का अनुमान है। अभी तक गेहूं में कही से कोई नुकसान नहीं हुआ है। अगर फिर भी किसानों को किसी तरह की बीमारी का अंदेशा हो तो वे कृषि अधिकारी या सीधा हमसे संपर्क कर सकते हैं।
डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप ने बताया कि संस्थान द्वारा विकसित गेहूं की किस्म डीबीडब्ल्यू 303 को किसानों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है , इस बार हम इसका बड़ी मात्रा में बीज किसानों को उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। वहीं मौसम विशेषज्ञ सतबीर सिंह ने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार अभी 1-2 दिन और बरसात की संभावना है। अभी तक भिवानी में 8 से 10 एमएम बरसात रिकॉर्ड दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की सूचना के अनुसार हल्की ओलावृष्टि होने की भी सूचना प्राप्त हुई है।