• May 19, 2024 3:41 am

16 नवंबर को सुबह 11.34 बजे उड़ान भरेगा रॉकेट

ByADMIN

Nov 14, 2022 ##November, ##rocket

14 नवंबर 2022 |  लगभग डेढ़ महीने बाद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अपने मून मिशन ‘आर्टेमिस-1′ को फिर से लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। लॉन्चिंग 16 नवंबर को सुबह 11.34 से दोपहर 1.34 बजे के बीच फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से होगी। यह नासा की तीसरी कोशिश है। इससे पहले 29 अगस्त और 3 सितंबर को भी रॉकेट लॉन्च करने का प्रयास किया गया था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते इसे टाल दिया गया था।

रविवार को प्रेस ब्रीफिंग में आर्टेमिस मिशन मैनेजर माइक सैराफिन ने कहा, “हाल ही में फ्लोरिडा में आए निकोल तूफान ने स्पेसक्राफ्ट के एक पार्ट को ढीला कर दिया है। इसकी वजह से लिफ्ट ऑफ के वक्त दिक्कत जा सकती है। इसलिए हमारी टीम इस प्रॉब्लम को रिव्यू कर रही है।” यदि किसी कारण 16 नवंबर को रॉकेट लॉन्च नहीं होता है, तो नई तारीख 19 या 25 नवंबर हो सकती है।

अमेरिका 53 साल बाद अपने मून मिशन आर्टेमिस के जरिए इंसानों को चांद पर एक बार फिर से भेजने की तैयारी कर रहा है। आर्टेमिस-1 इसी दिशा में पहला कदम है। यह मेन मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है, जिसमें किसी एस्ट्रोनॉट को नहीं भेजा जाएगा। इस फ्लाइट के साथ वैज्ञानिकों का लक्ष्य यह जानना है कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चांद के आसपास सही हालात हैं या नहीं। साथ ही एस्ट्रोनॉट्स चांद पर जाने के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट सकेंगे या नहीं।

नासा का ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) मेगारॉकेट’ और ‘ओरियन क्रू कैप्सूल’ चंद्रमा पर पहुंचेंगे। आमतौर पर क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं, लेकिन इस बार यह खाली रहेगा। ये मिशन 42 दिन 3 घंटे और 20 मिनट का है, जिसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा।

तीन पॉइंट्स में समझिए पूरा आर्टेमिस मिशन…
1. यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के प्रोफेसर और वैज्ञानिक जैक बर्न्स का कहना है कि आर्टेमिस-1 का रॉकेट ‘हैवी लिफ्ट’ है और इसमें अब तक के रॉकेट्स के मुकाबले सबसे शक्तिशाली इंजन लगे हैं। यह चंद्रमा के ऑर्बिट (कक्षा) तक जाएगा, कुछ छोटे सेटेलाइट्स छोड़ेगा और फिर खुद ऑर्बिट में ही स्थापित हो जाएगा।

2. 2024 के आसपास आर्टेमिस-2 को लॉन्च करने की प्लानिंग है। इसमें कुछ एस्ट्रोनॉट्स भी जाएंगे, लेकिन वे चांद पर कदम नहीं रखेंगे। वे सिर्फ चांद के ऑर्बिट में घूमकर वापस आ जाएंगे। हालांकि इस मिशन की अवधि ज्यादा होगी। फिलहाल एस्ट्रोनॉट्स की कंफर्म लिस्ट सामने नहीं आई है।

3. इसके बाद फाइनल मिशन आर्टेमिस-3 को रवाना किया जाएगा। इसमें जाने वाले अंतरिक्ष यात्री चांद की सतह पर उतरेंगे। यह मिशन 2025 या 2026 के आसपास लॉन्च किया जा सकता है। पहली बार महिलाएं भी ह्यूमन मून मिशन का हिस्सा बनेंगी। बर्न्स के मुताबिक पर्सन ऑफ कलर (श्वेत से अलग नस्ल का व्यक्ति) भी क्रू मेम्बर होगा। ये चांद के साउथ पोल में मौजूद पानी और बर्फ पर रिसर्च करेंगे।

आर्टेमिस मिशन की लागत कितनी?

नासा ऑफिस ऑफ द इंस्पेक्टर जनरल के एक ऑडिट के अनुसार, 2012 से 2025 तक इस प्रोजेक्ट पर 93 बिलियन डॉलर यानी 7,434 अरब रुपए का खर्चा आएगा। वहीं, हर फ्लाइट 4.1 बिलियन डॉलर यानी 327 अरब रुपए की पड़ेगी। इस प्रोजेक्ट पर अब तक 37 बिलियन डॉलर यानी 2,949 अरब रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                      

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *