मिसाइल में ‘फायर एंड फॉरगेट’ टॉप-अटैक यानि आसमान से हमला करने की क्षमता है और मजबूत से मजबूत टैंकों को भी तबाह कर सकती है. इसकी रेंज 500 मीटर से लेकर करीब 4 किलोमीटर तक है.
चीन से चल रही तनातनी के बीच स्वदेशी एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल (एटीजीएम) ‘नाग’ ने गुरुवार सुबह राजस्थान के पोखरण रेंज में अपना आखिरी सफल परीक्षण पूरा कर लिया है. ये यूज़र-ट्रायल यानि थलसेना द्वारा किया गया आखिरी टेस्ट था, जिसके बाद माना जा रहा है कि इन एटीजीएम मिसाइल्स का मास-प्रोडेक्शन शुरू हो जाएगा और सेना में शामिल होने का रास्ता खुल जाएगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, थर्ड जेनरेशन एंटी-टैंक गाईडेड मिसाइल को नाग-मिसाइल कैरियर, नामिका से दागा गया और सटीक निशाना लगाते हुए ‘आर्मर’ (टैंक के कवच) को भेद डाला. इस दौरान मिसाइल को वॉर-हेड से इंटीग्रेट किया गया था और टारगेट एक निश्चित दूरी पर रखा गया था. आपको बता दें कि नाग मिसाइल को डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइनजेशन) ने तैयार किया है और इसे मजबूत टैंकों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मिसाइल में ‘फायर एंड फॉरगेट’ टॉप-अटैक यानि आसमान से हमला करने की क्षमता है और मजबूत से मजबूत टैंकों को भी तबाह कर सकती है. इसकी रेंज 500 मीटर से लेकर करीब 4 किलोमीटर तक है