• May 5, 2024 8:43 pm

कोरोना काल में बना डाले सुपर फूड, अब मंधना में डाली यूनिट, प्रधानमंत्री ने की थी प्रशंसा

08 मार्च 2022 | संगीता ने बताया कि पिछले साल 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहर आए थे। इस दौरान बैंक लोन के लाभार्थियों से मिले थे। संगीता उनसे मिलने वाली पहली लाभार्थी थीं। प्रधानमंत्री ने उनसे उनके उत्पाद के बारे में पूछा और सुपर फूड की प्रशंसा की थी।

कोरोना काल में लोगों ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय किए थे। इस दौरान बर्रा तीन में रहने वाली संगीता सिंह को नया बिजनेस आइडिया आया। उन्होंने सुपर फूड तैयार कर डाले। अभी कानपुर समेत देश भर में सुपर फूड का बिल्कुल नया बाजार है। जौ, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का के चिप्स और मिक्सचर को पहले उन्होंने घर पर तैयार किया। हले घर के लोगों को खिलाया और फिर आस-पड़ोस के लोगों को देकर फीड बैक लिया। अच्छे फीडबैक के बाद सुपर फूड के व्यापार में आगे बढ़ गईं। संगीता ने बताया कि उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की है। हमेशा से कुछ अलग करना चाहती थी। अच्छा फीडबैक मिलने के बाद पूंजी की जरूरत हुई तो बैंकों के खूब चक्कर काटे लेकिन किसी ने लोन नहीं दिया। इसके बाद पीएमईजीपी (प्राइम मिनिस्टर इंप्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम) योजना के तहत आवेदन किया। अफसरों को आइडिया अच्छा लगा तो 10 लाख का लोन स्वीकृत हो गया।

उन्होंने बताया कि अब मंधना में यूनिट लगाई है। घर में ही कार्यालय बनाया है। ये उत्पाद प्रीमियम श्रेणी के हैं, इसलिए इनकी बिक्री के लिए बड़े ऑनलाइन स्टोरों के साथ ही बड़े-बड़े ग्रॉसरी रिटेल चेन के साथ टाईअप करने के प्रयास कर रही हूं। अमेजन पर उत्पाद आ गए हैं। उत्पादों में स्नैक्स, चिप्स और मिक्सचर हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहर आए थे। इस दौरान बैंक लोन के लाभार्थियों से मिले थे। संगीता उनसे मिलने वाली पहली लाभार्थी थीं। प्रधानमंत्री ने उनसे उनके उत्पाद के बारे में पूछा और सुपर फूड की प्रशंसा की थी। संगीता ने बताया कि पीएम ने कहा था कि सरकार बजट में सुपर फूड के लिए प्रावधान करने जा रही है। इसके लिए गंगा किनारे मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

संगीता सिंह
संगीता सिंह

पुरुषों के वर्चस्व वाले चमड़ा उद्योग में नुपुर बना रहीं पहचान 
पुरुषों के वर्चस्व वाले चमड़ा उद्योग में बर्रा जे सेक्टर में रहने वाली नूपुर खंडेलवाल अपनी नई पहचान बना रही हैं। कोरोना काल में इनके कारोबार पर बहुत असर पड़ा पर हार न मानी। अब ऑस्ट्रेलिया तक में अपने उत्पादों का निर्यात कर रही हैं।नूपुर ने बताया कि उन्होंने अपने पुश्तैनी काम आयरन एंड स्टील से हटकर कुछ नया करने का सोचा था। इसकी शुरुआत 2017 में चमड़ा उत्पादों (बैग, पर्स, फोल्डर कवर बैग आदि) की ट्रेडिंग के साथ की थी। दो लाख रुपये की पूंजी से कारोबार शुरू कर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाई थी।यूनिट में तीन से चार लोगों को रोजगार दिया है। इसके साथ ही जॉब वर्क पर काम कराती हैं। उन्होंने कहा कि कई और देशों में निर्यात की प्लानिंग है। चमड़ा उद्योग में आने से पहले उन्होंने पहले इस उद्योग को समझा। इसके बाद एक्सपोर्ट, कस्टम से जुड़े कोर्स की पढ़ाई बेंगलुरु से की। इसका लाभ आज निर्यात के मोर्चे पर मिल रहा है।

छोटे उद्योगों की ओर बढ़ रहे महिलाओं के कदम 
छोटे और मझोले उद्योगों की ओर शहर की महिलाओं के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के चलते बीते सालों में परेशानी रही लेकिन अब हालात तेजी से बदल रहे हैं। पीएमईजीपी, मुख्यमंत्री स्वरोजगार और एक जिला एक उत्पाद योजनाएं पूंजी की कमी को पूरा करके इन महिलाओं के लिए नए-नए अवसर ला रही हैं। एक जिला एक उत्पाद योजना में 2019-20 में सात महिलाओं को 35 लाख का लोन या मार्जिन मनी उपलब्ध कराई गई थी। 2020-21 में इनकी संख्या बढ़कर 13 हो गई और डेढ़ करोड़ की मार्जिन मनी उपलब्ध कराई गई। 2021-22 में अब तक 15 महिलाओं को 1.4 करोड़ की मार्जिन मनी उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 2018-19 में 20 महिलाओं को 62 लाख, 2019-20 में 15 महिलाओं को 41.25 लाख, 2020-21 में 21 महिलाओं को 80.28 लाख और 2021-22 में अब तक 10 महिलाओं को 37.50 लाख मार्जिन मनी दी गई।पीएमईजीपी में 2017-18 में 37 महिलाओं को एक करोड़ 86 लाख, 2018-19 में 11 महिलाओं को 47.46 लाख, 2019-20 में 21 महिलाओं को 94.62 लाख, 2020-21 में 47 महिलाओं को एक करोड़ सात लाख और 2021-22 में अब तक 24 महिलाओं को 96.29 लाख की मार्जिन मनी उपलब्ध कराई गई है। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते लगी अधिसूचना के कारण तमाम महिलाओं को बाद में मार्जिन मनी उपलब्ध कराई जाएगी।

Source;-“अमर उजाला”  

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