• May 20, 2024 12:58 pm

कश्मीर के बल्ले का लगातार बढ़ रहा है क्रेज, पहली बार वर्ल्ड कप में होगा इस्तेमाल

9 जून 2023 ! कश्मीर का क्रिकेट बैट उद्योग 102 साल पुराना है. वहीं, अब कश्मीर का क्रिकेट बैट उद्योग फेमस इंग्लिश विलो के निर्माताओं को कड़ी टक्कर दे रहा है, क्योंकि अधिक से अधिक क्रिकेट खेलने वाले देशों ने अब कश्मीर विलो से बने बैट का उपयोग करना शुरू कर दिया है. टी20 विश्व कप में कुछ टीमों द्वारा उपयोग किए जाने के बाद अब कश्मीर के बल्लेबाजों ने क्रिकेट विश्व कप 2023 के क्वालीफाइंग राउंड में पदार्पण किया है. 19 जून को ओमान के खिलाड़ी लतीफ डार कश्मीर के अवंतीपुरा क्षेत्र में बने बल्ले से आयरलैंड के खिलाफ पहला क्वालीफायर मैच खेलेंगे. बैट निर्माण के इतिहास में यह पहली बार होगा कि कश्मीर विलो से बने बैट का उपयोग 50 ओवर के क्रिकेट विश्व कप में किया जाएगा.

GR8 ब्रांड के मालिक फ़ौज़ुल कबीर ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है, हमारे बैटों का इस्तेमाल टी20 वर्ल्ड कप 2022 के दौरान भी हुआ था, जो कि ऑस्ट्रलिया में खेला गया था. अब 2023 में इस विश्व कप में अफगानिस्तान, यूएई, श्रीलंका, ओमान, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश सहित सात टीमें हमारे बल्ले का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

फ़वज़ुल कबीर, उन युवा उद्यमियों में से एक थे जिन्होंने इस प्रोत्साहन के बाद अपने GR8 विलो बैट उद्योग की शुरुआत की. एमबीए की डिग्री के साथ 32 वर्षीय फवजुल ने कड़ी मेहनत की और 10 वर्षों में उत्कृष्ट प्रतिक्रिया भी प्राप्त की है. फवजुल अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, ओमान, बहरीन और स्कॉटलैंड जैसे छह देशों को अपनी कंपनी के बल्ले इस्तेमाल करने के लिए राजी करने में कामयाब रहा और इसके बाद अब वह करीब एक दर्जन देशों में बैट की खेप भेज रहा है और कई ऑर्डर भी कतार में हैं. जम्मू और कश्मीर सरकार भी क्रिकेट बैट उद्योग को बढ़ावा देने की इच्छुक है, जिससे कश्मीर विलो क्रिकेट बैट विश्व स्तर का उत्पाद बन सके.

पिछले दिनों कश्मीर के क्रिकेट बैट निर्माण और अन्य लकड़ी आधारित उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए, केंद्रीय मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम ने भी समर्थन देने के तरीके खोजने के लिए घाटी का दौरा किया था. इस दिशा में 4.61 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कॉमन फैसिलिटी सेंटर, सेथर की स्थापना की गई, जिसमें पीपीडीसी, मेरठ द्वारा 2.46 करोड़ रुपये की लागत से संयंत्र और मशीनरी स्थापित की गई. इस सीएफसी का उद्देश्य विलो क्लीफ्ट्स के सीज़निंग की सुविधा प्रदान करना और क्रिकेट बैट यूनिट धारकों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं प्रदान करना है. इससे यूनिट धारक विश्व स्तर के क्रिकेट बैट के उत्पादन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम होंगे

दक्षिण कश्मीर में बिजबेहारा, चारसू, हल्लामुल्ला, संगम, पुजतेंग, मिर्जापुर और सेथर 7 गांव हैं जहां क्रिकेट के बल्ले बनाए जाते हैं. साथ ही इससे सैकड़ों ग्रामीणों की आजीविका चलती हैं. इसके अलावा सेथर संगम, अनंतनाग को क्रिकेट बैट निर्माण के लिए एक औद्योगिक क्लस्टर के रूप में अधिसूचित किया गया है. इस बीच, सरकार ने अनंतनाग और पुलवामा की बैट निर्माण इकाई के मालिकों को पंजीकरण प्रमाण पत्र भी दिया है, जिससे वे उद्योग को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार से सभी लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे. फवजुल ने कहा, “दस साल पहले, कश्मीर में 2.5 लाख से 3 लाख बल्ले बनते थे, इन दिनों हर साल 30 लाख बल्ले बनते हैं.”

सोर्स :-“ABP न्यूज़                                             

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