17 जनवरी 2023 | सरकार ने तय तारीख से 14 दिन पहले ही धान खरीदी के लक्ष्य को पार कर लिया है। राज्य में इस वर्ष 100 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, जिसे 17 जनवरी को ही पा लिया गया। धान खरीदी 31 जनवरी तक चलनी है, ऐसे में यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने धान खरीदी का लक्ष्य प्राप्त कर लेने पर मंगलवार को अपने निवास कार्यालय में मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लागू होने से किसान खेती की ओर वापस लौटने लगे हैं।
इस अवसर पर भगत ने धान खरीदी का नया कीर्तिमान रचने पर केक भी काटा, जिस पर 100 लाख टन लिखा हुआ था और धान की बालियां बनी हुई थीं। भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू से ही एक चुनौती रही है। बीते चार वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार ने तमाम परेशानियों, केंद्र के अड़ियल रवैये, बारदाने की आपूर्ति में व्यवधान के बावजूद अपने बलबूते पर खरीदी की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-2023 में धान विक्रय के लिए पंजीकृत कृषकों की संख्या 24.96 लाख हो चुकी है, जिनमें 2.30 लाख नए किसान शामिल हैं। वर्ष 2017-2018 में 24.46 लाख हेक्टेयर पंजीकृत रकबा वर्ष 2022-2023 में 32.16 लाख हेक्टेयर हो गया है।
छत्त्तीसगढ़ मेें खेती लाभ का धंधा, किसान बढ़े: सीएम बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीतियोें के कारण किसान खेती की तरफ लौटे हैं। प्रदेश में 15 लाख से बढ़कर 24-25 लाख किसान हो गए हैं। अब तक 22 लाख से अधिक किसान धान बेच चुके हैंं। भाजपा शासनकाल में केवल 15 लाख किसान ही धान बेचते थे। पिछले चार वर्षों में नौ-दस लाख किसानों का बढ़ना और खेती केरकबा में वृद्धि बताती है कि कृषि लाभदायक धंधा है। भाजपा और केंद्र सरकार ने आय दोगुना करने की बात कहकर खर्चा दोगुना कर दिया है। हम लोगों ने सच में आय दोगुना कर दिया है।
फैक्ट फाइल
वर्ष बढ़े पंजीकृत किसान
2018-2019- 1.19 लाख
2019-2020 -2.58 लाख
2020-2021 – 1.97 लाख
2021-2022 – 2.56 लाख
(वर्ष 2017-2018 की तुलना में हुई वृद्धि)
वर्ष- धान खरीदी (टन में)- समर्थन मूल्य पर भुगतान (करोड़ में)
2017-2018 -56 लाख 88 हजार टन- 10,596
2018-2019 – 80 लाख 37 हजार टन -14,015
2019-2020 -83 लाख 94 हजार टन -15,286
2020-2021 -92 लाख टन- 17,241
2021-2022 -98 लाख टन -19,037
सोर्स :-“नईदुनिया”