• April 30, 2024 8:14 am

छत्तीसगढ़ में NSA लागू करने पर घमासान, रमन सिंह ने सरकार पर हमला किया

17 जनवरी 2023 | बस्तर में धर्मांतरण को लेकर मचे बवाल के बीच छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने की अधिसूचना पर सियासी पारा चढ़ गया है. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने रासुका पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है.पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ”ये रासुका कांग्रेस सुरक्षा कानून है जो कांग्रेस को सुरक्षा देने के लिया बनाया गया था.यह लोकतंत्र विरोधी कानून है. रासुका पुलिस को इतने अधिकार देता है कि किसी व्यक्ति को एक साल तक बिना कारण बताए जेल में रखा जा सकता है.”

भाजपा के आरोप पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि, ”केंद्र का कानून है, समय-समय पर भाजपा भी तो इसे लागू करती रही है.ये रूटीन की प्रक्रिया है. भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए भ्रम फैलाने का काम कर रही है. ऊपर से बत्ती पड़ी है कि जाओ  कोई षड्यंत्र करो, छत्तीसगढ़ में अमन चैन क्यों है? इसलिए नए नए शिगूफे ला रहे हैं. उनके पास कोई मुद्दे नहीं हैं.”

रासुका अधिसूचना में क्या है?
अधिसूचना में कहा गया है कि – राज्य सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कतिपय तत्व सांप्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिए एवं लोक व्यवस्था बनाए रखने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कोई कार्य एवं राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कोई कार्य करने के लिए सक्रिय हैं या उनके सक्रिय हो जाने की संभावना है. जिला दण्डाधिकारी, जिला रायपुर, बिलासपुर, राजनादगांव, दुर्ग, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, कोरिया, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कबीरधाम, महासमुंद, धमतरी, जगदलपुर दंतेवाडा, उत्तर बस्तर कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा कोण्डागांव, बलौदा बाजार, गरियाबंद बेमेतरा, बालोद, मुंगेली, सूरजपुर, बलरामपुर मोहला मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरि-भरतपुर (एमसीबी) की अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों में विद्यमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार का ऐसा करना आवश्यक है.

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार यह निर्देश देती है कि जिला दण्डाधिकारी यदि उक्त धारा की उपधारा (2) में उपबंधित रूप से समाधान हो जाता है, तो  धारा 3 की उप धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक की काल अवधि के दौरान कर सकेंगे.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना और उनके इनकार पर सवाल को लेकर मुख्यमंत्री ने नसीहत दे दी. उन्होंने कहा, ”रमन सिंह पहले केंद्रीय मंत्री थे, फिर वे यहां आए. हम तो चाहेंगे कि खाली बैठे हुए हैं, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, उनको कहीं भेजा भी नहीं जाता तो केंद्र में मंत्री ही बन जाओ. मैं राज्यपाल बनने की बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन केंद्रीय मंत्री बनेंगे तो कुछ फायदा होगा छत्तीसगढ़ को. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हो तो कहीं जाओ भाई. हमको खराब लगता है कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और बगल के चुनाव में भी नहीं भेजा जाता उन्हें. कोई काम ही नहीं है. यहीं बांध देते हैं.”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”भाई जो प्रदेश उपाध्यक्ष का काम है वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष करे तो यह अच्छा नहीं लगता ना. अब फिर से अंगूर खट्‌टे हो गए. पूरे देश में हल्ला है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल हो रहा है और रमन सिंह पहले ही वॉकआउट कर गए. वहां नंबर नहीं लग रहा है, यहां पुरंदेश्वरी से लेकर सारे लोग बोल दिए कि वह तो दावेदार भी नहीं हैं. छह महीने बचे हैं, पूर्व मुख्यमंत्री को पार्टी का चेहरा भी नहीं बनाया है. सहानुभूति तो होती ही है ना, इतने दिन काम किया है साथ में.”

सोर्स : NDTV इंडिया” 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *