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त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गई सबसे चर्चित सीट, ‘धरती पुत्र’ अंगद की तरह मैदान में डटे

ByPrompt Times

Nov 7, 2024
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 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. इसी बीच बीजेपी की गढ़ की सीट माने जाने वाली कोथरूड सीट पर मुकाबला बहुत रोचक हो गया है. जानें कैसे बीजेपी के बड़े नेता चंद्रकांत (दादा) पाटिल की सीट फंस गई है.

 

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत (दादा) पाटिल पुणे शहर के कोथरूड निर्वाचन क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए हैं, जहां उन्हें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के उम्मीदवारों से कड़ी चुनौती मिल रही है. कोथरूड एक बाजार और ब्राह्मण-बहुल उपनगर है और यह महाराष्ट्र के पुणे शहर में सबसे अधिक मांग वाले आवासीय क्षेत्रों में से एक है. साल 2014 से भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में पात्र मतदाताओं की संख्या 4,36,472 है. 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले क्षेत्र में यातायात और अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दे यहां के मतदाताओं की प्रमुख चिंताएं हैं. साल 2014 से 2019 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा की मेधा कुलकर्णी ने किया. वह अब राज्यसभा की सदस्य हैं.

 

चंद्रकांत पाटिल के सामने बहुत बड़ी चुनौती
वर्ष 2019 के चुनावों में कोल्हापुर के रहने वाले चंद्रकांत पाटिल को समायोजित करने के लिए कुलकर्णी को टिकट से वंचित कर दिया गया था. ‘बाहरी’ होने को लेकर शुरुआती आलोचना के बावजूद, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष पाटिल ने तब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के उम्मीदवार किशोर शिंदे के खिलाफ 25,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.इस चुनाव में उन्हें कांग्रेस और अविभाजित राकांपा का समर्थन हासिल था.

 

चंद्रकांत मोकाटे खुद को बता रहे ‘धरती पुत्र’
हालांकि, इस बार के चुनाव में पाटिल को कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. उनका मुकाबला शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार चंद्रकांत मोकाटे से है जो 2009 से 2014 तक कोथरूड से शिवसेना (तब अविभाजित) विधायक रह चुके हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि लोग उनका समर्थन करेंगे क्योंकि वह ‘धरती पुत्र’ हैं. मनसे ने शिंदे को फिर से उम्मीदवार बनाया है जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. मोकाटे ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में निर्वाचन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास पर बहुत कम प्रगति हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह सड़कें, फ्लाईओवर या यातायात के मुद्दे हों, कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है.

 

चंद्रकांत मोकाटे ने पाटिल पर लगाया गंभीर आरोप
2014 तक विधायक के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान जो किया गया, उसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है. मोकाटे ने कहा कि चांदनी चौक (मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर कोथरूड के पास एक खंड) पर एक फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है, लेकिन यात्रियों को अभी भी फ्लाईओवर से कुछ मीटर दूर भुसारी कॉलोनी रोड के पास चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने चांदनी चौक फ्लाईओवर के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को श्रेय देते हुए कहा कि उनके (मोकाटे के) नेतृत्व में 12 साल पहले एक सर्वदलीय आंदोलन हुआ था और ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने के लिए वहां फ्लाईओवर की मांग की गई थी.

मोकाटे को भरोसा, वह जीतेंगे चुनाव
मोकाटे ने भरोसा जताया कि वह इस बार कोथरूड में वापसी करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि लोग मेरा साथ देंगे क्योंकि मैं धरती पुत्र हूं और इन वर्षों में कोथरूड के लोगों के साथ रहा हूं.’’ मनसे उम्मीदवार शिंदे ने दावा किया कि पाटिल पुणे के प्रभारी मंत्री और 2019 तक देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में राजस्व मंत्री रहने के बावजूद उनका कार्यकाल उल्लेखनीय नहीं रहा है.

 

मनसे ने खड़ी की और मुसीबत
वकील और मनसे के महासचिव शिंदे ने दावा किया, ‘‘जहां तक निर्वाचन क्षेत्र में पाटिल के काम का सवाल है, यह शून्य है क्योंकि पिछले पांच साल में बुनियादी ढांचे में कोई उल्लेखनीय विकास नहीं हुआ है.’’ शिंदे ने दावा किया कि निर्वाचन क्षेत्र में पाटिल का काम निराशाजनक रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मनसे उम्मीदवार के तौर पर मेरे लिए यह चुनाव आसान हो गया है. मुझे विश्वास है कि कोथरूड के लोग मेरा समर्थन करेंगे.’’

मोकाटे की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार 1990 के दशक के अंत में उनके राजनीतिक मार्गदर्शक थे, लेकिन वह 2014 के बाद राजनीतिक रूप से निष्क्रिय हो गए. कोथरूड निवासी संजय कैकाडे ने कहा कि क्षेत्र में दैनिक यात्रियों के लिए यातायात समस्या एक बड़ी समस्या है. उन्होंने दावा किया कि इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पौड रोड पर वनाज कॉर्नर तक फैली एक मेट्रो लाइन है, लेकिन नेटवर्क को हिंजावाड़ी तक और विस्तारित करने की आवश्यकता है, क्योंकि दैनिक यात्रियों को काम पर जाने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.’’

बीजेपी उम्मीदवार को किस बात पर भरोसा?
भाजपा उम्मीदवार पाटिल ने कोथरूड के लोगों के साथ अपने करीबी संबंधों को रेखांकित करते हुए आगामी चुनावों में जीत का भरोसा जताया. उन्होंने कहा, ‘‘कोथरूड के लोगों के साथ मेरे व्यक्तिगत संबंध हैं और मुझे विश्वास है कि मैं रिकॉर्ड अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज करूंगा.’’

कोथरूड के क्या हैं हालात?
पाटिल के लिए प्रचार कर रहे अजित पवार नीत राकांपा के शहर इकाई के प्रमुख दीपक मनकर ने विश्वास जताया कि भाजपा नेता कम से कम एक लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘जनकेंद्रित योजनाओं और पिछले ढाई साल में किए गए कार्यों के कारण कोथरूड और बाकी शहर का माहौल महायुति के लिए बहुत सकारात्मक है. कोथरूड में लोकसभा चुनाव में बढ़त का अंतर करीब 75,000 था और हमारा लक्ष्य पाटिल के लिए अंतर को बढ़ाकर एक लाख वोट तक पहुंचाना है.’’ उन्होंने कहा कि राकांपा की शहर इकाई पुणे में गठबंधन उम्मीदवारों के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रही है.

 

 

source – prompt times


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