• May 19, 2024 7:50 am

पढ़ने का जुनून ऐसा कि राजनीति का इम्तिहान पास करने के बाद एमपी की एमएलए दे रही दसवीं की परीक्षा

22 फ़रवरी 2023 | कहते हैं कि सीखने-पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है.तभी तो राजनीति का इम्तहान पास कर चुकी मध्य प्रदेश की एक एमएलए (MLA) 21 साल बाद दसवीं का बोर्ड एग्जाम (MP Board Exam 2023) देने जा रही हैं.अक्सर अपनी शिक्षा को लेकर उठने वाले सवालों के कारण उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है.एमपी बोर्ड के दसवीं क्लास के एग्जाम एक मार्च से 27 मार्च, 2023 तक आयोजित होंगे. यहां हम बात कर रहे हैं बुरहानपुर के नेपानगर सीट से बीजेपी (BJP) विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर (Sumitra Devi Kasdekar)की.

सुमित्रा देवी कास्डेकर का सफर

वैसे,होता यह है कि लोग पढ़-लिख कर राजनीति में आते हैं,लेकिन बीजेपी विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर चुनावी परीक्षा पास करने के बाद दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रही हैं.मायके के गांव में स्कूल नहीं होने के कारण कक्षा आठवीं तक ही पढ़ाई कर पाईं नेपानगर की विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर ने 21 साल बाद फिर पढ़ाई शुरू की है.

यहां बता दें कि दसवीं बोर्ड का एग्जाम देने वाली सुमित्रा देवी कास्डेकर मध्य प्रदेश की नेपानगर सीट से बीजेपी की एमएलए हैं.उनका कहना है कि जीवन में पढ़ना बहुत जरूरी है. उनका कहना है कि लिखने-पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है.किसी वजह से 21 साल पहले उनकी पढ़ाई छूट गई थी,लेकिन अब उनको पढ़ाई पूरी कर आगे बढ़ने का जुनून है.

कहां से चुनी गई हैं एमएलए

एमएलए सुमित्रा देवी कास्डेकर ने नेपानगर के देड़तलाई हायर सेकेंडरी स्कूल से प्राइवेट स्टूडेंट के रूप में 10वीं की परीक्षा का फॉर्म भरा था.पिछले दिनों इसका प्रवेश पत्र लेने वह स्कूल भी पहुंचीं.इसके बाद वे सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गईं.हालांकि,उनके प्रवेश पत्र पर सुमित्रा देवी की जगह बाली सेमलकर (शादी से पहले का नाम) लिखा है.उन्हें सुभाष उत्कृष्ट स्कूल ही परीक्षा केंद्र दिया गया है.

सुमित्रा देवी कास्डेकर का जन्म 15 अगस्त 1983 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के सेमाडोह गांव में हुआ था.उनके पिता का नाम लाबू सेमलकर और मां का नाम जानकी बाई है.साल 1999 में देड़तलाई निवासी पशु चिकित्सक राजेश कास्डेकर से उनका विवाह हुआ था.विवाह के दस साल बाद 2009 में उन्होंने सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ा,लेकिन हार गईं.2018 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया और वे नेपानगर से विधायक बनीं.वे डेढ़ साल बाद ही कांग्रेस का हाथ छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गईं.साल 2020 में बीजेपी ने भी उन्हें इसी सीट से चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने फिर जीत दर्ज की.

सोर्स :-“ABP न्यूज़                                             

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