14 फ़रवरी 2023 | चुनावी वर्ष में राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं का बजट बढ़ाने की तैयारी कर रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए कई प्रविधान किए गए हैं। कांग्रेस की वर्तमान सरकार का यह अंतिम बजट होगा जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पेश करेंगे।
बजट पर मंत्री स्तरीय चर्चा व मुख्यमंत्री से चर्चा के पश्चात स्वास्थ्य विभाग ने जो प्रस्ताव सरकार को भेजा है उसके मुताबिक डा. खूबचंद बघेल मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में मुफ्त इलाज का दायरा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख करने की योजना बनाई गई है। प्रदेश के लगभग 23 लाख परिवार डा.खूबचंद बघेल मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त बजट में स्वास्थ्य विभाग के अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण तथा स्वास्थ्य मितानिनों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का प्रविधान किया जा रहा है। पांच नए जिलों में जिला अस्पताल और सीएमएचओ कार्यालय के लिए भी इस बजट में प्रविधान होगा।
विभागीय अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव भेजा गया है, राज्य सरकार ने यह जानकारी मांगी थी, हालांकि अंतिम निर्णय राज्य सरकार को करना है। प्रस्ताव के तहत उन कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा जिनकी भर्ती प्रक्रिया के तहत की गई थी। प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से भर्ती कर्मचारियों के नियमितीकरण पर संशय अब भी बना रहेगा।
विभाग में अलग-अलग योजनाओं में करीब 23 हजार अनियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। नेशनल स्वास्थ्य मिशन में 17 हजार व स्वास्थ्य विभाग में छह हजार अनियमित कर्मचारी हैं। कोरोना काल में स्वास्थ्य मितानिनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रदेश में 76 हजार मितानिन हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अंतिम बजट में उनकी प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा हो सकती है।
हमर लैब, हमर क्लीनिक की बढ़गी संख्या
स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में हमर लैब हमर क्लीनिक योजना के तहत संचालित लैब व क्लीनिक की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। हमर लैब में निश्शुल्क पैथालाजी जांच की जाती है। प्रदेश में 14 स्थानों पर हमर लैब का संचालन हो रहा है। हमर क्लीनिक में ओपीडी की तर्ज पर जांच और इलाज होता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हमर क्लीनिक को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर तक पहुंचाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
इन जिलों में खुलेंगे नए जिला अस्पताल
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पांच नए जिले बनाए गए हैं। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़, खैरागढ़-छुईखदान- गंडई और सक्ती जिलों में अब तक जिला अस्पताल नहीं है।
सोर्स :-“नईदुनिया”