बेहरी। खरीफ में सोयाबीन तथा मक्का खर्चीली फसल साबित होकर नुकसानदायक रही। ऐसी स्थिति में किसानों को आलू-प्याज व लहसुन की फसल ने आर्थिक रूप से संबल प्रदान किया। सोयाबीन व मक्का फसल के घाटे की भरपाई संग्रहित किए गए आलू-प्याज ने पूरी कर दी।
वर्तमान में आलू, लहसुन व प्याज के भाव उच्चतम स्तर पर है। लहसुन 80, आलू 40, प्याज 50 रुपये किलो तक बिक रहा है। जिन किसानों के पास उपज रखी है, वे अच्छी कमाई कर रहे हैं। लाभ को देखते हुए इस बार क्षेत्र में 30 प्रतिशत किसानों ने आलू, प्याज व लहसुन की खेती की है। आलू उत्पादक किसान रामचंद्र दांगी, केदार पाटीदार, सुरेशसिंह पाटीदार, सुनील मंडलोई ने बताया कि आलू की फसल 35 से 40 दिन की हो चुकी है। राहत इस बात की है कि मौसम अनुकूल होने से इस फसल में कंद फल बैठना शुरू हो चुका है। 15 दिन मौसम अनुकूल रहा तो यह फसल किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होगी। इधर 70 दिन में पकने वाली इस फसल के बाद किसान इसी जमीन में प्याज लगाकर तीसरी फसल भी कर लेंगे। प्याज का बीज महंगा होने के बावजूद क्षेत्र के किसानों ने बड़ी मात्रा में इसका रोप तैयार कर लिया है।
नवंबर के अंतिम सप्ताह तक लगा सकते हैं
कृषि वैज्ञानिक अशोक दीक्षित ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसान अभी भी गेहूं की फसल लगा सकते हैं। जिन क्षेत्रों में नहरों द्वारा सिंचाई होती है, वहां किसान खेत तैयार करने के बाद नवंबर के अंतिम सप्ताह तक गेहूं लगा सकते हैं।