23 नवंबर 2023 ! हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के देहरा उपमंडल में ग्राम पंचायत नौशहरा का सरकारी प्राइमरी स्कूल एक कमरे में चल रहा है. स्कूल में दो कमरे पुराने हैं, जबकि दो नए कमरे ढाई साल पहले से बनाए जा रहे थे, लेकिन अब भी अधूरे हैं. इस वजह से स्कूल में एक कमरे में पांच क्लासें चल रही हैं, जबकि मुख्य अध्यापक का ऑफिस भी नर्सरी क्लास के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मामले पर पीडब्ल्यूडी देहरा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अरूण वशिष्ठ ने कहा कि उनके पास स्कूल की बिल्डिंग बनाने के लिए पैसे की कमी है. सवाल अब यह खड़ा होता है कि जब पैसा था ही नहीं तो टैंडर आवंटित कर काम शुरू करने की क्या जरूरत थी.
ग्राम पंचायत नौशहरा के प्रधान ने भी पीडब्ल्यूडी देहरा को अल्टीमेटम दे दिया है कि मार्च 2024 तक स्कूल में बन रहे दोनों कमरों को तैयार कर जल्द ही स्कूल को सौंप दिया जाए, अन्यथा ग्रामीण आंदोलन की राह अपनाने को मजबूर हो जाएंगे. एसएमसी कमेटी की प्रधान सुलक्षणा देवी ने कहा कि उनकी बेटी चौथी क्लास में पढ़ती है, लेकिन उसे पढ़ने में काफी दिक्कत आ रही है. ग्रामीण अपने बच्चों को मजबूरन निजी स्कूलों में भेज रहे हैं. अगर स्कूल में बन रहे दो नए कमरे जल्दी बन जाते हैं तो शिक्षा और भी बेहतर होगी. नए बच्चे भी यहां एडमिशन लेंगे.
स्कूल की जेबीटी अध्यापिका सुनीता कुमारी ने कहा कि एक कमरे में उन्हें पांच क्लासेज को पढ़ाना पड़ रहा है, जबकि दफ्तर में भी नर्सरी क्लास लगाई जा रही है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. लोगों ने देहरा के विधायक होशियार सिंह से भी इस काम को करवाने की अपील की है. ग्राम पंचायत नौशहरा के प्रधान अवतार सिंह गुलेरिया ने कहा कि वह मार्च 2024 तक पीडब्ल्यूडी और प्रदेश सरकार को समय देते हैं, अन्यथा दोनों नए बनाए गए कमरे विभाग ने तैयार करके स्कूल को नहीं सौंपे तो वे आंदोलन की राह पर उतरेंगे.
सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”