सितम्बर 1 2023 ! भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लखनऊ की बेहद प्राचीन इस्कॉन मंदिर में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. खास बात यह है कि लखनऊ की यह सबसे प्राचीन और पहली इस्कॉन मंदिर है. यह कोठी पहले श्यामलाल गोविल की हुआ करती थी लेकिन उन्होंने राधा कृष्ण के नाम इस कोठी को कर दिया और तब से यहां पर यह मंदिर स्थापित है.
इस मंदिर में राधा कृष्ण का वास माना जाता है. यही नहीं इस मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर भजन कीर्तन, शाम की आरती से लेकर भगवान के जन्म से पहले उनका विभिन्न प्रकार के सामानों से अभिषेक होता है. इस बार इस मंदिर में छप्पन भोग राधा कृष्ण भगवान को लगेगा, जिसमें पूड़ी, हलवा, मिठाइयां, सब्जी, रोटी और पराठा के साथ ही तमाम तरह के पकवान और व्यंजन होंगे. इन दिनों मंदिर की साफ सफाई का काम चल रहा है. इस मंदिर के सेवक और संचालक रवि शंकर गर्ग ने बताया कि लखनऊ का यह पहला और प्राचीन इस्कॉन मंदिर है. इसके बाद गोल्फ सिटी में इस्कॉन मंदिर की स्थापना की गई है. यह मंदिर 1994 से यहीं पर स्थापित है. यहां पर राधा कृष्ण के अलावा भगवान जगन्नाथ भी हैं.
सेवक रवि शंकर गर्ग ने बताया कि जन्माष्टमी में इस बार सुबह 11 बजे भगवान के दर्शन, इसके बाद हरि नाम अखंड संकीर्तन, संध्या आरती फिर भक्ति भजन कीर्तन करेंगे और इसके बाद श्री श्री गौर राधा कृष्ण अभिषेक होगा जोकि 10:30 बजे रात में शुरू होगा. फिर महा आरती 12:15 पर की जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले यह मंदिर इस्कॉन के नाम से ही मशहूर थी लेकिन अब इसको श्री श्री गौड़ राधा कृष्ण के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां पर भक्तों की बड़ी भीड़ लगती है.
अगर आप भी इस प्राचीन मंदिर में जाकर दर्शन करना चाहते हैं तो यह मंदिर कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह के 5:00 बजे से लेकर रात में 12:30 बजे तक खुला रहेगा. यह मंदिर बांस मंडी चौराहे के पास अशोक नगर में है.
सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”