14 दिसंबर 2022 |  राजधानी के टाटीबंध फ्लाईओवर का निर्माण अब जनवरी 2023 के बजाय मार्च 2023 तक पूरा होगा। 120 करोड़ की लागत से बन रहे इस फ्लाईओवर को पूरा करने का लक्ष्य 26 जनवरी 2023 तक रखा गया था, लेकिन यह पूरा होते नहीं दिख रहा है। बड़ी वजह यह है कि कभी जमीन अधिग्रहण तो कभी तकनीकी पेचीदगियों की वजह से कार्यों में लेटलतीफी हुई। वहीं बीते 20 दिनों से फ्लाईएश की कमी की वजह से काम को रोकना पड़ा। लिहाजा फ्लाईओवर निर्माण की डेडलाइन बढ़ा दी गई है। फ्लाईओवर का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) कर रही है।

एनएचएआइ के अधिकारियों का कहना है कि मार्च- 2023 से टाटीबंध फ्लाईओवर से आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि इसके बाद भी फ्लाईओवर के नीचे काम जारी रहेगा। फ्लाईओवर के निर्माण में उपयोग में लाए जाने वाले फ्लाईएश की सप्लाई इसी हफ्ते से शुरू होने की संभावना है। फ्लाईएश की सप्लाई बीते 20 दिनों से बंद थी। बिलासपुुर के एनटीपीसी सीपत के अधिकारियों से बातचीत के बाद फ्लाईएश की आपूर्ति बहाल हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईएश का इस्तेमाल ब्रिज बनाते समय फिलिंग के लिए होता है। टाटीबंध ओवरब्रिज में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
लेटलतीफी के कारण 20 करोड़ लागत भी बढ़ी
टाटीबंध फ्लाईओवर में लेटलतीफी का खामियाजा ना सिर्फ आम लोगों को बल्कि एनएचएआइ को भी भारी पड़ा है। पहले ब्रिज की लागत 100 करोड़ से कम थी। वहीं लगातार लेटलतीफी के कारण ब्रिज के निर्माण की लागत भी बढ़ गई है। फ्लाईओवर की लागत अब 120 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है। कोरोनाकाल की वजह से भी प्रोजेक्ट में लेटलतीफी हुई है। राज्य व केंद्र सरकार के बीच जमीन अधिग्रहण से लेकर बिजली, सर्विस रोड, डायवर्जन रोड आदि की वजह से ब्रिज का काम आगे बढ़ते गया।
कुम्हारी हादसे के बाद लोग सचेत
कुम्हारी के अधूरे ओवरब्रिज पर स्टापर नहीं लगे होने की वजह से दुर्घटना में मौत के बाद अब लोग सचेत हो चुके हैं। टाटीबंध फ्लाईओवर के अधूरे होने व भारी वाहनों की आवाजाही से यह खतरा लगातार बढ़ रहा है। टाटीबंध फ्लाईओवर बिलासपुर रिंग-रोड को जोड़ने के साथ ही दुर्ग-भिलाई और रायपुर के लिए प्रमुख कनेक्टिविटी है। ब्रिज की मांग लंबे समय से हो रही है।
कलेक्टर ने 26 जनवरी तक पूरा करने के दिए थे निर्देश
अक्टूबर-नवंबर महीने में दौरे के दौरान कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने 26 जनवरी 2023 तक टाटीबंध ओवरब्रिज पूरा करने के निर्देश दिए थे। बारिश के बाद जिस तेजी की उम्मीद की जा रही थी, वह तेजी नहीं आई। अब एक बार फिर यह प्रोजेक्ट दो महीने आगे बढ़ चुका है। एनएचएआइ के अफसरों का कहना है कि ब्रिज को पूरी तरह तैयार होने में मई से जून तक का भी समय लग सकता है।

सोर्स :-“नईदुनिया”