डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले या पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिन पर किसी आपराधिक मामले को लेकर केस चलाने की मंजूरी दी गई. वहीं मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन ब्रैग के ऑफिस की तरफ से जानकारी दी गई कि उन्होंने ट्रंप के वकील से उनके सरेंडर और पेशी से संबंधित चीजों के लिए संपर्क किया गया था.
डोनाल्ड ट्रंप को आरोप लगाए जाने के बाद आगे की प्रक्रिया के लिए बहुत से स्टेप लेने पड़ेंगे. आपराधिक मामले पर केस चलने के दौरान फिंगरप्रिंट और फोटो खिंचवाना पड़ेंगे. उन्हें नाम और डेट ऑफ बर्थ से जुड़ी जानकारियां शेयर करनी पड़ेगी. उन्हें अपनी तरफ से केस को मजबूत बनाने के लिए खुद के पक्ष को रखने की छूट दी जाएगी. हालांकि, किसी भी आरोपी को कई घंटो के लिए हिरासत में रखा जाता है. इसका मतलब है अब डोनाल्ड ट्रंप को भी हिरासत में रखना पड़ेगा.
पूर्व राष्ट्रपति के पास क्या हैं ऑप्शन
सभी विरोधी को अपनी बेगुनाही साबित करने का अधिकार है. हालांकि, ट्रंप को मामले के बारे में बोलने से रोकने के लिए जज गैग ऑर्डर भी जारी कर सकते हैं. ट्रंप चाहे तो खुद या वकील के मदद से एक दलील दर्ज कर सकते है और कोर्ट उन्हें दूसरी तारीख देते हुए रिहा कर सकता है. इसके बावजूद कोर्ट ये भी देखेगा कि केस से जुड़े आरोप कितने गंभीर है. उसके आधार पर ही कोर्ट रिहा कर सकता है. वहीं अगर ट्रंप पर आरोप सिद्ध हो जाते है तो उन्हें चार साल की सजा हो सकती है.