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उत्तराखंड विस मानसून सत्र: बिजली बिलों के फिक्स्ड चार्ज पर तीन माह के लिए छूट, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

ByPrompt Times

Aug 26, 2021
उत्तराखंड विस मानसून सत्र: बिजली बिलों के फिक्स्ड चार्ज पर तीन माह के लिए छूट, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

बुधवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए धामी सरकार ने 5720.78 करोड़ रुपये का अपना पहला अनुपूरक बजट पास कराया।

26 अगस्त 2021 | उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर सदन में विपक्ष ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने यह प्रश्न उठाया था। जिसके बाद सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने वेल में प्रदर्शन और हंगामा किया।

 
इसके बाद दोपहर साढ़े 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई। संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने सदन पटल पर कैग रिपोर्ट रखी। यह रिपोर्ट साल 2019-20 की है। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशा कार्यकत्रियों ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान किया है। कोविड की विषम परिस्थितियों में उन्होंने जिस प्रकार से काम किया है, वह प्रशंसनीय है। आशा बहनों को पांच माह तक 2-2 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। साथ ही एक-एक टेबलेट भी दिया जाएगा। आशा बहनों की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के अंतर्गत बिजली के बिलों के फिक्स्ड चार्ज पर तीन माह के लिए छूट दी जाएगी। इससे लगभग 2,24,604 लोग लाभांवित होंगे। जिस पर अनुमानित 2463.81 लाख रुपए खर्च होंगे। विद्युत बिलों के विलम्ब भुगतान अधिभार पर तीन माह के लिए छूट दी जाएगी। इस पर लगभग 3642.00 लाख रुपए का खर्च आएगा।

परिवहन विभाग के अंतर्गत सेवायान कर में 06 माह के लिए छूट दी जाएगी। जिसमें 7580.00 लाख रुपए खर्च होंगे। पंजीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के नवीनीकरण पर विलंब शुल्क पर 06 माह लिए छूट प्रदान दी जाएगी। इस पर 3250.00 लाख रुपए का खर्च आएगा। 

वहीं शहरी विकास विभाग के अंतर्गत पर्यावरण मित्रों को 2000 रुपए की प्रोत्साहन राशि 05 माह तक दी जाएगी। इससे लगभग 8300 पर्यावरण मित्र लाभांवित होंगे। इस पर लगभग 830.00 लाख रुपए खर्च होंगे। पीएम स्वनिधि में पंजीकृत सभी लाभार्थियों को 05 माह तक 2-2 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसमें लाभार्थियों की अनुमानित संख्या 25000 है तथा 2500.00 लाख रुपए अनुमानित खर्च होगा। पेयजल विभाग के अंतर्गत राज्य के समस्त जल और सीवर उपभोक्ताओं द्वारा 31 दिसंबर 2021 तक अवशेष देयों का एकमुश्त भुगतान करने की दशा में विलम्ब शुल्क की राशि को शत प्रतिशत माफ किया जाएगा।

साइकिल से विधानसभा पहुंचे कांग्रेस के विधायक
वहीं महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के विधायक साइकिल से विधानसभा पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आज महंगाई से जनता त्रस्त है। पेट्रोल और डीजल के साथ ही रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ रही है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक उठाएगी।

नियुक्ति की मांग को लेकर विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखंड डाइट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन के सदस्यों ने विधानसभा कूच किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रिस्पना पुल पर बैरीकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं विरोध प्रदर्शन करने लगे।

विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन ने भी विधानसभा कूच किया। भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान के कार्यकर्ताओं ने भी गुरुवार को विधानसभा कूच किया। इस दौरान हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग की गई।

ध्वनिमत से धामी सरकार का अनुपूरक बजट पास
बुधवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए धामी सरकार ने 5720.78 करोड़ रुपये का अपना पहला अनुपूरक बजट पास कराया। विभागवार अनुदान मांगों को पास कराने के बाद सरकार ने सदन में उत्तराखंड विनियोग (2021-22 का अनुपूरक) विधेयक 2021 को भी ध्वनमित से पारित किया गया। मंगलवार को पटल पर आए छह में से तीन विधेयकों को भी सदन की मंजूरी मिली।

सत्र के तीसरे दिन पुलिस कर्मचारियों के ग्रेड-पे के मुद्दे पर सदन में गरमाहट रही। विपक्ष की ओर से कार्य स्थगन प्रस्ताव में ग्रेड पे का मुद्दा उठाया गया। जबकि सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया। सदन में नेता सदन एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बीच ग्रेड पे शासनादेश को लेकर तीखी बहस हुई।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वर्ष 2011 से छठे वेतनमान के अनुसार कांस्टेबल को 10 वर्ष की सेवा पर 2400 ग्रेड दिया गया। 31 दिसंबर 2016 तक पुलिस कर्मियों को लाभ मिलता रहा। उस समय कांग्रेस सरकार में नेता प्रतिपक्ष बतौर गृह मंत्री थे। चुनाव आचार संहिता में कांग्रेस सरकार ने इसका शासनादेश जारी किया। सरकार पुलिस कर्मियों के प्रति संवेदनशील है। इसके लिए मंत्रिमंडल की उप समिति का गठन किया गया।

समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमसे कोई गलती हुई है तो क्या सरकार उसे ठीक नहीं करेगी। इस दौरान कैबिनेट मंत्री व नेता प्रतिपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे मुद्दा गंभीर विषय है।

चार जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कैबिनेट की पहली बैठक में ग्रेड पे के मामले में संज्ञान लिया। सरकार ने पहले ही मंत्रिमंडल उपसमिति बनाई है। पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से विचार कर रहे हैं। सरकार राज्य और पुलिस विभाग के हित में हर जरूरी निर्णय लेगी। सीएम ने कहा कि राज्य के हित जो सही होगा, उसे ठीक करेंगे।

उत्तराखंड विधानसभा भवन

Source;-“अमर उजाला”  

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