24 नवंबर 2023 ! उन्होंने कहा कि गुरुवार को बचावकार्य के दौरान दल को मलबे में धातु की पाइप मिली जिस कारण आगे बढ़ना संभव नहीं हो सका.
उन्होंने बताया, “गुरुवार को हमें उम्मीद थी कि हम कामयाबी हासिल कर सकेंगे लेकिन हमें रुकावट मिली. 1.8 मीटर तक जाने पर टनल की छत पर लगने वाला पाइप रुकावट के तौर पर मिला. इस कारण हमें फिर ऑगर मशीन को फिर से वापिस लाकर काम करना पड़ा.”
वहीं सिल्कयारा सुरंग बचाव के काम में लगे उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल ने शुक्रवार को बताया कि बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है, लेकिन पाइप को नुक़सान पहुंचने के कारण काम की गति थोड़ी सुस्त हुई थी.
उन्होंने कहा कि “बीते कल 1.8 मीटर पाइप को सुरंग के भीतर डाला गया लेकिन जगह कम होने के कारण पाइप आगे नहीं जा पाया और पाइप का 1.2 मीटर की हिस्सा काटना पड़ा. ऑगर मशीन ठीक से काम कर रही है, वो ख़राब नहीं हुई है.”
उन्होंने कहा, “अभी हम सुरंग में और 5.4 मीटर आगे बढ़ पाए हैं. उम्मीद है कि अगले 5 मीटर तक बाधा नहीं है और हम तेज़ी से जा सकेंगे.”
उन्होंने कहा, “ड्रिलिंग मशीन को फिर से जोड़ दिया गया है. वेल्डिंग के बाद एक नया पाइप डाली जाएगी, जिसकी प्रक्रिया में दो घंटे लगेंगे. दो घंटे के बाद, हम पाइप को सुरंग के अंदर धकेलेंगे.”
उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे अब उन्हें किसी रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि उन्होंने कहा “अभी दो और पाइपें डालनी हैं. हम मानते हैं कि बाधाएं कभी भी आ सकती हैं लेकिन हम उम्मीद नहीं हारना चाहते.”
शुक्रवार को सुरंग में फंसे मज़दूरों को बाहर निकालने का 13वां दिन है. इससे पहले बचाव कार्य के 12वें दिन उम्मीद जताई जा रही थी कि मज़दूरों तक पहुंचने में जल्द सफलता मिलेगी, लेकिन रास्ते में बाधा आने से काम की गति धीमी हो गई.
12 नवंबर को सुरंग धंसने के कारण 41 मजदूर इसमें फंस गए थे जिसके बाद से ही उन्हें निकालने की कोशिशें शुरू कर दी गई थीं.
बचाव का काम देख रहे सरकार के अतिरिक्त सचिव (तकनीकी, सड़क और परिवहन) महमूद अहमद ने कहा कि फंसे मज़दूरों को निकालने के लिए अभी नई पाइप डाली जानी है.
सोर्स :-“BBC न्यूज़ हिंदी”