• May 2, 2024 11:32 pm

‘आप’ ने विधायक विकास उपाध्याय के आवास के बाहर हवन कर किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

अक्टूबर 27 2023 ! छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर अमर उजाला की खास पेशकश ‘विधायक जी कहिन’ कार्यक्रम में हम छत्तीसगढ़ के नामी-गिरामी राजनीतिक हस्तियों से सीधी बातचीत पेश करते हैं। अपने पाठकों को प्रदेश के चुनावी हालात और सियासत से रू-ब-रू कराते हैं। सियासी समीकरणों और उठापटक से अवगत कराते हैं। इस कड़ी में आज हम रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय के इंटरव्यू को उन्हीं की जुबानी आपके सामने पेश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद लोगों ने जो सपना देखा था। उन्हें वैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई। पांच सालों तक कांग्रेस की भूपेश सरकार ने जनहित के मुद्दों पर काम किया है। बीजेपी 15 साल तक सत्ता में रही। इस दौरान कांग्रेस ने सड़क से सदन तक सभी मुद्दों को लेकर संघर्ष किया। जब से कांग्रेस की सरकार बनी है , तब से सारी समस्याओं का हल और विकास कार्यों को कैसे करना उस पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकारी योजनाओं से लोगों को लाभांवित करने का काम किया जा रहा है। सभी क्षेत्रों में सरकार बेहतर काम कर रही है।

साढ़े चार साल तक बीजेपी इस प्रदेश से गायब थी। जब जनता को जनप्रतिनिधि की जरूरत थी, तो बीजेपी के नेता अपने घर में बैठकर पेपर लेकर आंदोलन कर रहे थे। जब कोरोना काल था तो किसी को राशन की आवश्यकता थी, किसी को मेडिकल की जरूरत थी, किसी को अस्पताल में एडमिट कराना था, किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई, तो उसके परिजन को शव की जरूरत थी। ऐसे में भाजपा नेता घर में दुबक कर बैठे थे। वो साढ़े चार साल तक घर से बाहर ही नहीं निकले। अब चुनाव को देखकर अपने आप को पेश कर रहे हैं। लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उनके पास राजनीति करने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है। सबसे पहले हिंदुस्तान में यदि लोगों को मकान का अधिकार दिया है, तो वो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। सीएम भूपेश बघेल ने खुद घोषणा की है कि सरकार सर्वे कराएगी। केंद्र के पैसे की जरूरत नहीं है। आने वाले दिनों में लोगों को घर बनाने के लिए पैसे दिए जाएंगे।

हम इसे ना राजनीतिक चश्मे से देखते हैं और ना इसे कोई मास्टरस्टोक मानते हैं। ये जनहित का काम है। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान प्रदेश है। जब किसान आत्महत्या कर रहे थे, तब कर्जमाफी करना, राजीव गांधी न्याय योजना के तहत उन्हें पैसे देना और उनकी आर्थिक मदद की गई। इस पर राज्य सरकार ने काम किया है। किसानों को हजारों-करोड़ों रुपये दिया है। यह पैसा किसानों के घर में नहीं है। किसी ने ट्रैक्टर खरीदा, तो किसी ने मकान खरीदा। किसी ने बच्चे को पढ़ाया, तो किसी ने बेटे-बेटियों की शादी की। इस तरह से ये सारे पैसे बाजार में आ गए। कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति किसी भी क्षेत्र में कमजोर नहीं थी। रजिस्ट्री ऑफिस में पैर रखने की जगह नहीं रही, ऑटोमोबाइल्स में भी गाड़ियां 1 महीने से पहले से बुकिंग रही। पहले शहर की आबादी 15 लाख थी, अब 25 लाख हो गई है। कॉलोनियों में चले जाइए, कई घरों में तीन-चार कार मिलेंगी। ये कहां से आ गई? लंदन और अमेरिका से तो पैसा नहीं आया है। यही का पैसा है, सरकार ने इसका उपयोग अच्छे से किया है। बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेताओं का घर भरा है। जब वो चुनाव लड़े थे तब और चुनाव लड़ने के बाद अब उनके डिक्लेरेशन को देख लें। जमीन-आसमान का फर्क दिखेगा।

सोर्स :-“अमर उजाला”

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