धमतरी । जल संरक्षण को बढ़ावा देने और भूजल के स्तर को बनाए रखने के लिए नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में बनने वाले घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाना अनिवार्य कर दिया है। तमाम प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी अभी भी निगम क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने का लक्ष्य पूर्ण नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार केवल 30 से 35 फीसद काम ही इस क्षेत्र में हुआ है। जल संरक्षण के लिए इसे निजी मकानों के साथ ही साथ सार्वजनिक स्थानों पर अनिवार्य रूप से बनाने की आवश्यकता है, ताकि प्राकृतिक वर्षा जल का संचय हो सके।
हर साल गिरते भू-जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से शासन ने प्रत्येक घरों में रेन वाटर सिस्टम लगाने की अपील आम लोगों से की है। शहरी क्षेत्र में तो इसे अनिवार्य कर दिया गया है। लोग भवन का निर्माण तो कराते हैं, लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने को लेकर लापरवाही बरतते हैं। धमतरी नगर निगम क्षेत्र के 40 वार्डों में लगातार नए भवन बन रहे हैं। कागजी दस्तावेजों में अन्य बिंदुओं के साथ ही साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की प्रक्रिया भी संलग्न हैं। इसे भी प्रमुखता से बनाया जाना है। नगर निगम और नगर निवेश से दस्तावेजी कार्य पूर्णता लेते हैं, भवन का निर्माण भी शुरू हो जाता है, लेकिन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में रुचि नहीं दिखाते। नगर निगम द्वारा ऐसे भवनों का सर्वे कराया जा रहा है, जिन्होंने अपने घरों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया है।
जानकारी के अनुसार नगर निगम के 12 हजार घरों में से केवल 30 से 35 प्रतिशत घरों में ही यह सिस्टम बन पाया है। इसे लेकर अब फिर से पहल की जा रही है। यदि कोई भवन मालिक अपने भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाता है, तो उसके द्वारा जमा की गई राशि से ही नगर निगम उनके भवनों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएगा। इसके माध्यम से बारिश के पानी को जमीन में पहुंचाया जाएगा। नगर निगम का मानना है कि इससे भू-जल स्तर बढ़ेगा। जानकारी के अनुसार भवन का निर्माण तो कर लिया लेकिन शर्त अनुसार हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया। इसके लिए किसी से सात हजार, किसी से 10 हजार, 12 हजार तो किसी से 15 हजार रुपये अमानत राशि जमा कराई गई थी। जिन लोगों ने घर में हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया है, उनकी अमानत राशि से उनके भवनों पर सिस्टम लगाएगा। इसमें लगने वाली मजदूरी सहित अतिरिक्त खर्च भवन मालिक से लिया जाएगा।
मालूम हो कि जल संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन की पहल पर कुछ साल पहले नगर निगम क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने को लेकर जोर चला था। जिला अस्पताल सहित कई शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया। देखरेख के अभाव में कई स्थानों में बनाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम वर्तमान में कंडम हो गए हैं।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य है
निगम आयुक्त मनीष मिश्रा ने बताया कि जल संरक्षण को लेकर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने वालों का सर्वे कराया गया है। अभी भी कई भवन मालिकों ने भवन निर्माण की शर्त को पूरा नहीं किया है। उन्होंने भवन का निर्माण तो कर लिया लेकिन शर्त अनुसार हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया। इसके लिए सर्वे चल रहा है। अमानत राशि से उनके भवनों पर सिस्टम लगाएगा। इसमें लगने वाली मजदूरी सहित अतिरिक्त खर्च भवन मालिक से लिया जाएगा। जल संरक्षण को लेकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर ये हैं नियम
वर्ष 2007 से भवन निर्माण की अनुमति के साथ रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य किया गया है। इसमें तीन साल के लिए उनसे सिस्टम लगवाने की शर्त पर अमानत राशि जमा करवाई जाती है। सिस्टम नहीं लगाने पर नगर निगम राशि जब्त कर लेता है। खुद भवन पर सिस्टम लगवाता है। अतिरिक्त खर्च भी भवन मालिक से लिया जाता है।
इन स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की है आवश्यकता
शहर के कई सार्वजनिक स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की आश्यकता है ताकि वर्षा जल का संचय हो सके। शहर के गांधी मैदान, निगम सामुदायिक बैला बाजार, दशहरा मैदान, पुराना बस स्टैंड, धनवंतरि हाल सिहावा चौक, नया बस स्टैंड, कंपोजिट बिल्डिंग सहित अन्य स्थानों पर इसे बनाया जाए।