• June 2, 2024 6:10 pm

 जल मंत्री सत्येंद्र जैन का आरोप- हरियाणा नहीं छोड़ रहा दिल्ली के हिस्से का पानी, मनोहर लाल ने कहा- दे रहे हैं पूरा

18 अप्रैल2022 |

सार

जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को वजीराबाद बैराज का निरीक्षण किया। उन्होंने यमुना नदी में पानी कम आने पर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा। बैराज में पानी का स्तर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली सरकार ने अभी तक यह मामला दिल्ली जल बोर्ड पर छोड़ रखा था।

विस्तार

हरियाणा से पूरा पानी न मिलने के कारण यमुना नदी में निरंतर जलस्तर घटने के बीच दिल्ली सरकार मैदान में आ गई है। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को वजीराबाद बैराज का निरीक्षण किया। उन्होंने यमुना नदी में पानी कम आने पर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा। बैराज में पानी का स्तर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली सरकार ने अभी तक यह मामला दिल्ली जल बोर्ड पर छोड़ रखा था।

इस मौके पर जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि हरियाणा से पर्याप्त पानी की आपूर्ति न मिलने के कारण वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर बेहद कम हो गया है। यमुना का जलस्तर यदि एक फीट भी नीचे चला जाता है तो दिल्ली में पानी की भारी किल्लत हो जाती है, क्योंकि दिल्ली अपने पीने कि पानी कि पूर्ति का बड़ा हिस्सा यमुना नदी से ही लेती है। वहीं मंगलवार को यमुना का जलस्तर 669 फुट पर पहुंच गया है, क्योंकि हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रखा है। हरियाणा से पानी की निरंतर सप्लाई में बाधा आने के कारण दिल्लीवालों को उनके हिस्से का पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा कि आम तौर पर यमुना नदी पूरी तरह से भरी होती है, लेकिन आज स्थिति यह है कि नदी सूख गई है, क्योंकि हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रखा है। हरियाणा सरकार के इस कदम के चलते दिल्ली के कई इलाकों में पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है। दरअसल वजीराबाद बैराज दिल्ली का सबसे महत्वपूर्ण जलाशय है। यह उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली के लिए पानी के प्रमुख स्रोतों में से एक है। वर्तमान में हरियाणा से पानी की कम निकासी के कारण दिल्ली के जल शोधक संयंत्र कम क्षमता पर काम कर रहे हैं।

हरियाणा से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पानी देने की अपील की
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने हरियाणा सरकार से अपील है कि वे यहां आकर यमुना की स्थिति देखें। हरियाणा को वर्ष 2022 की आबादी के हिसाब से पानी देने के लिए नहीं कह रहे हैं, लेकिन कम से कम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पानी तो दें। हमारे हिस्से का पानी हमारा हक है। हरियाणा सरकार को मानवीय आधार पर भी इस भीषण गर्मी में दिल्लीवालों की प्यास बुझाने के लिए पानी की आपूर्ति करनी चाहिए।

हेल्पलाइन के जरिए टैंकर के लिए कर सकते है संपर्क
यमुना नदी में हरियाणा से कम पानी मिलने की वजह से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में संयंत्रों से पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस कारण किल्लत से परेशान लोग दिल्ली जल बोर्ड के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष 1916 पर टैंकर के लिए संपर्क कर सकते हैं।

वजीराबाद बैराज काफी महत्वपूर्ण
दिल्ली एक लैंडलॉक शहर है। यहां ज्यादातर पानी की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदी से होती है। उत्तर प्रदेश गंगा के पानी की आपूर्ति करता है और हरियाणा से यमुना के पानी की आपूर्ति होती है। वहीं पंजाब के भाखड़ा से भी कुछ पानी मिलता हैं। इनमें सबसे ज्यादा पानी की आपूर्ति हरियाणा से होती है। यमुना दिल्ली में वजीराबाद बैराज से 15 किमी ऊपर पल्ला में प्रवेश करती है, जो दिल्ली का एक मुख्य जलाशय है। यह बैराज वर्ष 1959 में यमुना नदी पर बनाया गया था। यह एक विशेष प्रकार का बांध है, जिसमें बड़े-बड़े द्वारों की श्रंखला है। बैराज नदियों के प्रवाह व उनके जलस्तर को नियंत्रित करता है।

पूरा दिया जा रहा पानी : मनोहर लाल
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। मनोहर लाल ने कहा कि पानी को लेकर दिल्ली सरकार झूठ बोल रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। दिल्ली को उनके हिस्से अनुसार 1050 क्यूसिक पानी दिया जा रहा है। 

मनोहर लाल मंगलवार को हरियाणा निवास में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार हरियाणा को हमारे हिस्सा के पानी नहीं दे रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह पहले पंजाब से हरियाणा के हिस्से का पानी दिलवाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली के पानी से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इस पर कोर्ट ने मुहर लगा दी थी कि दिल्ली को उनके हिस्से का पूरा पानी दिया जा रहा है। यही नहीं एक बार तो कोर्ट ने यह भी कहा था कि दिल्ली को 250 क्यूसिक ज्यादा पानी दिया जा रहा है। वह पानी अभी भी जारी है। कोर्ट ने उनके दोनों बैराज के भरे होने की शर्त भी लगाई थी, जिसके अनुसार पानी दिया जा रहा है। अपर यमुना बोर्ड ने भी समय-समय पर पुष्टि की है कि दिल्ली को उनके हिस्से का पूरा पानी दिया जा रहा है।

यमुना नदी से जुड़े तीनों संयंत्रों में 60 से 70 प्रतिशत पानी की आपूर्ति कम हुई

राजधानी में भीषण गर्मी और हरियाणा से पर्याप्त पानी यमुना नदी में नहीं छोड़ने के कारण पेयजल संकट ने पैर पसार लिए है। यमुना नदी स्थित वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के कारण उससे जुड़े दिल्ली जल बोर्ड के तीन जल शोधक संयंत्रों से पानी की आपूर्ति 60 से 70 प्रतिशत प्रभावित हो गई है। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड के अन्य संयंत्रों से जुड़े इलाकों में भी पानी की कमी हो गई है। इन क्षेत्रों के निवासी दिल्ली जल बोर्ड को अपने इलाके की समस्या से अवगत कराने के साथ-साथ पेयजल आपूर्ति सामान्य करने का आग्रह कर रहे है।

यमुना नदी में हरियाणा की ओर से पर्याप्त पानी नहीं छोड़ने के कारण वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर निरंतर कम हो रहा है। इसका सीधा असर इससे जुड़े दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधक संयंत्र पर पड़ रहा है। इन संयंत्रों से पानी की आपूति 60 से 70 प्रतिशत प्रभावित हो रही है। दरअसल वजीराबाद बैराज में पानी का सामान्य स्तर 674.50 फीट है, लेकिन यहां गत बहस्पतिवार को पानी का स्तर गिरकर 671.80 फीट रह गया था। इतना ही नहीं, बैराज में पानी का स्तर गिरने का सिलसिला निरंतर जारी है। यहां पर सोमवार को पानी का स्तर 669.40 फीट था और मंगलवार को पानी का स्तर 669 फीट दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली जल बोर्ड के तीनों संयंत्रों से जुड़े नई दिल्ली, सिविल लाइन, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़ गंज, राजेंदर नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रहलादपुर, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी, दिल्ली छावनी और आसपास के क्षेत्रों में पिछले पांच दिनों की तरह मंगलवार को भी पेयजल आपूर्ति प्रभावित रही। इस कारण लोगों को भीषण गर्मी के साथ-साथ पानी की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है।

दक्षिण दिल्ली के लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं पानी-
ओखला जल शोधक से जुड़े दक्षिण दिल्ली के कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रहलादपुर, मदनपुर खादर, जसोला, सरिता विहार, सुखदेव विहार, हाजी कालोनी, बटला हाऊस, जामिया नगर आदि इलाकों में पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है। इन इलाकों के कुछ लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है, वहीं वह घरेलू उपयोग के लिए हैंड पंप का पानी उपयोग कर रहे है। दूसरी ओर मध्य दिल्ली के पटेल नगर में भी पानी की दिक्कत हो गई है। इसी तरह दक्षिण पश्चिम दिल्ली के कापसहेड़ा और नजफगढ़ इलाके के जय विहार एवं अन्य इलाकों में पानी नहीं आ रहा है। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने दिल्ली जल बोर्ड को अवगत कराया है।

टैंकर आते ही पानी भरने के लिए मच गई भगदड़
बंगला साहिब एवं ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क के मध्य रैन बसरों के सामने दोपहर साढ़े 12 बजे एनडीएमसी का टैंकर पानी लेकर आते ही स्थानीय निवासियों में भगदड़ मच गई। महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष और बच्चे भी कैन आदि बर्तन एवं बोतल लेकर टैंकर की दौड़ पड़े और एक-दूसरे से पहले पानी भरने के लिए टैंकर में लगी टूटियों पर कब्जा करने लग गए।

यहां रहने वाले लोगों को टैंकर से पानी भरते हुए देखकर लगा कि उनके पास पानी की भारी कमी है। उनके घरों में पीने का भी पानी नहीं है। दरअसल कुछ महिलाएं एवं पुरुष टैंकर से कैन आदि बर्तनों में पानी भरने से पहले बोतल भरकर पानी भी पीने लग गए। हालांकि उनके बीच पानी भरने के दौरान लड़ाई-झगड़ा नहीं हुआ। इस दौरान स्थानीय निवासी मनमोहन ने बताया कि कई दिन से उनके यहां उतने ही पानी के टैंकर आते है जितने सर्दी के मौसम में आते थे, जबकि गर्मी में पानी की मांग दोगुना से अधिक बढ़ हुई है। उनके यहां पर दो टैंकर पानी लेकर आते है। यहां रैन बसरों में बड़ी संख्या में लोग रहते है।

Source;-“अमरउजाला”  

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