• May 17, 2024 3:16 am

पीएम नरेंद्र मोदी ने धोनी के नाम पत्र में क्या-क्या लिखा

ByPrompt Times

Aug 21, 2020
पीएम नरेंद्र मोदी ने धोनी के नाम पत्र में क्या-क्या लिखा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को चिट्ठी लिखी है.

कैप्टन कूल के नाम से प्रसिद्ध धोनी के संन्यास की घोषणा के बाद 19 अगस्त को लिखी गई यह चिट्ठी कई मायनों में अनूठी है.

प्रधानमंत्री के लेटरहेड पर लिखे इस पत्र का मज़मून दरअसल एक प्रशंसक के पत्र की तरह है. मानो प्रधानमंत्री ने एक प्रशंसक की तरह यह पत्र लिखा हो.

इस पत्र में धोनी के बेहतर भविष्य की शुभकामनाएँ दी गई हैं. इसमें उनके आंकड़ों, करियर, पुरानी यादों की चर्चा के साथ ही भारतीय क्रिकेट को उनके योगदान का भी ज़िक्र है.

महेंद्र सिंह धोनी ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री की यह चिट्ठी साझा करते हुए उनका धन्यवाद दिया है.

प्रधानमंत्री ने लिखा है –

प्रिय महेंद्र,

15 अगस्त को आपने अपने ख़ास नम्र अंदाज़ में एक छोटा वीडियो क्लिप शेयर किया, जो पूरे देश में लंबी और जुनूनी चर्चा का विषय बनने के लिए काफ़ी था. इससे 130 करोड़ भारतीयों को निराशा हुई लेकिन बीते डेढ़ दशक में आपने भारतीय क्रिकेट के लिए जो किया, उसके लिए सभी देशवासी आपके आभारी भी हैं.

आपके करियर के विश्लेषण का एक तरीक़ा उसे आँकड़ों के नज़रिए से भी देखने का है. आप भारतीय क्रिकेट के सबसे क़ामयाब कप्तानों में से एक हैं. भारत को चोटी की टीम बनाने में आपका अहम किरदार रहा है. क्रिकेट इतिहास में आपका नाम दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ों, सर्वश्रेष्ठ कप्तानों और निस्संदेह सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में लिखा जाएगा.

मुश्किल हालात में आप पर निर्भरता और मैच को फ़िनिश करने की आपकी स्टाइल, ख़ासकर 2011 वर्ल्ड कप का फ़ाइनल, लोगों को कई पीढ़ियों तक याद रहेगा.

लेकिन, महेंद्र सिंह धोनी का नाम सिर्फ़ आँकड़ों और मैच जिताने की उनकी अपनी भूमिकाओं के लिए ही याद नहीं रखा जाएगा. सिर्फ़ एक खिलाड़ी के तौर पर आपका मूल्यांकन दरअसल अन्याय होगा. आपका सही मूल्यांकन एक काल (घटना) के तौर पर होना चाहिए.

एक छोटे-से शहर से शुरुआत कर आपने राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन किया. आपने न केवल ख़ुद का नाम बनाया बल्कि भारत को भी गौरवान्वित किया.

आपका उदय और आपके कृत्य ने करोड़ों युवाओं को प्रेरणा और हिम्मत दी, जो आपकी ही तरह स्कूल-कॉलेज में बहुत तवज्जो वाले नहीं थे, न ही नामी घरों से थे, लेकिन उनमें ख़ुद को उच्चतम स्तर पर ले जाने की प्रतिभा थी.

आप नए भारत के एक ऐसे उदाहरण हैं, जहाँ परिवार का नाम युवाओं की क़िस्मत तय नहीं करते बल्कि वे अपना ख़ुद का नाम और क़िस्मत तय करते हैं. हम कहाँ से आते हैं, यह तब मायने नहीं रखता, जब हमें यह मालूम हो हमें कहाँ पहुँचना है. आपने युवाओं को अपनी इसी ख़ासियत से प्रभावित और प्रेरित किया है.

मैदान पर आपके कई यादगार लम्हे आज की पीढ़ी के युवाओं के लिए उदाहरण हैं. यह पीढ़ी ख़तरा मोल लेने से नहीं डरती और मुश्किल हालात में एक-दूसरे का साथ देती है. आपने भी ऐसे रिस्क कई बार उठाए, जब आपने हाई प्रेशर मैचों में युवाओं को मौक़ा दिया. 2007 के वर्ल्ड टी20 का फ़ाइनल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

भारत की यह पीढ़ी मुश्किल हालात में भी हौसला नहीं खोती है. हमने आपकी पारियों और मैचों में यह क़रीब से देखा है. हमारे युवा मुश्किल परिस्थितियों में बिल्कुल नहीं घबराते बल्कि बेख़ौफ़ हैं. जैसे आपने अपनी टीम की अगुवाई की.

यह मायने नहीं रखता कि आपने कौन-सा हेयरस्टाइल रखा था लेकिन जीत हो या हार, आपका मन और दिमाग़ हमेशा शांत रहा. यह देश के हर युवा के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीख है.

मैं भारत के सशस्त्र बलों से आपके जुड़ाव का ख़ासतौर पर ज़िक्र करना चाहूँगा. सेना के लोगों के साथ जुड़कर आप बेहद ख़ुश रहे. उनके कल्याण के प्रति आपकी चिंता हमेशा उल्लेखनीय रहेगी.

मुझे उम्मीद है कि अब साक्षी और ज़ीवा के साथ आप ज़्यादा वक़्त बिता पाएँगे. मैं उन्हें भी शुभकामनाएँ देता हूँ, क्योंकि उनके सहयोग और त्याग के बिना यह संभव नहीं हो पाता.

देश के युवा अपने पर्सनल और प्रोफ़ेशनल जीवन को बैलेंस रखने की कला आपसे सीख सकते हैं. मुझे एक फ़ोटो देखकर याद आया कि एक टूर्नामेंट जीतने के बाद जब टीम के बाकी खिलाड़ी मैदान पर जश्न मना रहे थे, तब आप अपनी प्यारी बेटी ज़ीवा के साथ खेल रहे थे. मेरे लिए यह विंटेज धोनी था.

आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएँ.

आपका

नरेंद्र मोदी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *