• June 1, 2024 5:46 pm

क्या है उमराह और कैसे होता है मुकम्मल? जिसे करने एक्ट्रेस राखी सावंत मक्का गई हैं

अगस्त 30 2023 ! हर धर्म में पूजा-पाठ करने का अपना एक तरीका होता है. हिंदू धर्म में ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए जिस तरह से चारधाम यात्रा की जाती है ठीक उसी तरह से इस्लाम को मानने वाले उमराह करते हैं और हज पर जाते हैं. जिस तरह पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है ठीक उसी तरह से उमराह करके इस्लाम के मामने वाले सुकून पाते हैं. उमराह करने के लिए लोग सऊदी अरब के सबसे पुराने और पवित्र शहर मक्का जाते हैं. नेता-अभिनेताओं से लेकर एक आम मुसलमान तक, हर वो इंसान जो आर्थिक रूप से समर्थ है और अल्लाह की इबादत में यकीन रखता है, वह उमराह के लिए जरूर जाता है.इन दिनों एक्ट्रेस राखी सावंत उमराह के लिए मक्का गई हैं. क्या होता है उमराह और हज से यह किस तरह अलग है जानें यहां.

मक्का की जियारत को उमराह कहा जाता है.उमराह हज का ही एक छोटा रूप है.अल्लाह की इबादत करने और अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए मुसलमान उमराह के लिए जाते हैं. उमराह का मतलब आबादी वाली जगह से है, जहां एक साथ बड़ी आबादी इकट्ठा होती है. इस्लामिक मान्यता है कि उमराह करने से इंसान को अपने जीवनभर के पापों से मुक्ति मिल जाती है. उमराह के लिए मक्का पहुंचे लोग काबा के चारों तरफ तवाफ करते हैं. जिनका तवाफ पूरा हो जाता है उनका उमराह मुकम्मल माना जाता है. उमराह के दौरान कुरान पढ़ी जाती है और अल्लाह की इबादत सच्चे मन से की जाती है.

मक्का दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए सबसे पाक जगह मानी जाती है. इस्लामिक मान्यता के मुताबिक मक्का वो जगह है, जहां पर इस्लाम धर्म की पाक किताब कुरान पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के सामने प्रकट हुई थी.यही वजह है कि इस पवित्र जगह पर दुनियाभर के मुसलमान अल्लाह की इबादत और अपने गुनाहों की माफी मांगने जाते हैं.इन दिनों एक्ट्रेस राखी सावंत भी अपने मुंहबोले भाई के साथ उमराह के लिए मक्का गई हैं.

हज और उमराह दोनों के लिए ही मुसलमान सऊदी अरब के सबसे पुराने शहर मक्का जाते हैं. लेकिन बड़ा अंतर यह है कि उमराह पूरी साल किया जा सकता है लेकिन हज की जियारत का का एक निश्चित समय होता है.हज यात्रा इस्मामिक कैलेंडर के आखिरी महीने में की जाती है और यह कई दिनों तक चलती है साथ ही यह ज्यादा खर्चीली भी है.जब कि उमराह महज दो घंटे में ही पूरा किया जा सकता है.उमराह के लिए जाना हज की तुलना में सस्ता भी होता है, इसीलिए जो लोग हज यात्रा के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है और समय की भी कमी है, वह भी उमराह के लिए जा पाते हैं.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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