27 मई 2022 | हरियाणा के पंचकूला की रहने वालीं कैप्टन अभिलाषा बराक ने भारतीय सेना की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बन कर इलाके का नाम रोशन किया। पूरे प्रदेश को बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व है। सैन्य पृष्ठभूमि से संबंध रखने वालीं और सैन्य छावनियों में पली-बढ़ीं अभिलाषा को शुरू से रोमांचक जीवन का शौक था। उनके पिता कर्नल ओम सिंह बराक ने बताया कि उनके परिवार की पृष्ठभूमि सेना से जुड़ी है।
उनकी बेटी का जन्म बिल्गिंटन नीलगिरी ऊटी के समीप तमिलनाडु में हुआ था। उसका ज्यातार समय सैन्य छावनी क्षेत्र में ही बीता। 12वीं तक की पढ़ाई बेटी ने सनवार कसौली (हिमाचल प्रदेश) स्थित एक निजी स्कूल से करने के बाद बीटेक दिल्ली से किया। अभिलाषा का शुरू से रोमांचक जिंदगी की ओर झुकाव था।
स्कूलिंग के दौरान भी घुड़सवारी करना, कैंप में जाना और स्पोर्ट्स में हिस्सा लेना शामिल रहा। कर्नल ओम सिंह ने बताया कि वह 2011 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद 2013 में आईएमए में भाई की पासिंग आउट परेड देखने के बाद उनकी बेटी काफी प्रभावित हुई। इसके बाद बेटी की इच्छा सेना या वायुसेना में जाने की और तीव्र हुई। उसने दो बार वायुसेना में कोशिश की परंतु कद कम होने की वजह से फाइटर पायलट बनने में कामयाब नहीं हो पाई। हालांकि उसने दो बार टेस्ट पास किया।
इसके बाद 2018 में ओटीए, चेन्नई से अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उनकी बेटी ने आर्मी एविएशन कॉर्प्स को चुना परंतु उस दौरान एविएशन में महिलाओं को जाने की मंजूरी नहीं थी लेकिन करीब दो साल बाद जब पायलटों के रूप में महिलाओं को शामिल करने की घोषणा हुई तो उनकी बेटी समेत 15 महिला अधिकारियों ने आवेदन किया जिसमें से दो का चयन हुआ। इसके बाद आगे की कार्रवाई में दूसरी अफसर भी बाहर हो गई और अंत में उनकी बेटी चयनित हुई।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ट्वीट किया कि हरियाणा की जांबाज बेटी कैप्टन अभिलाषा बराक को भारतीय सेना की आर्मी एविएशन कोर की लड़ाकू पायलट के रूप में पहली महिला अधिकारी बनने पर बधाई व शुभकामनाएं। अभिलाषा की शानदार उपलब्धि ने प्रदेश और देश की बेटियों को सफलता की उड़ान के लिए प्रेरित किया है। पूरा प्रदेश गौरवान्वित है।