• April 29, 2024 1:18 am

जगन्नाथ पुरी की तीसरी सीढ़ी पर क्यों नहीं रखते पैर, क्या है इस सीढ़ी का यमराज से संबंध?

चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर अपने कई रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है. जगन्नाथपुरी को धरती का बैकुंठ माना गया है. इस मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने की मनाही है. आखिर ऐसा क्यों है और इसके पीछे की क्या मान्यता है, आइए जानें.

जगन्नाथ मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है, जो भगवान जगन्नाथ यानी श्रीकृष्ण को समर्पित है. श्रीकृष्ण भगवान की इस नगरी को जगन्नाथपुरी कहा जाता है. यह मंदिर हिंदुओं के चार धामों बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारिका और जगन्नाथपुरी में से एक है. यह मंदिर अपने आप में कई मान्यताओं और रहस्यों के लिए जाना जाता है. आज भी इस मंदिर में ऐसे कई चमत्कार होते हैं जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं मिलता है. ऐसा ही एक रहस्य है इस मंदिर की सीढ़ियों को लेकर जिनके बारे में बहुत कम लोग की जानते होंगे.

रहस्यमयी हैं जगन्नाथपुरी की सीढ़ियां

पुराणों के अनुसार जगन्नाथ को धरती का स्वर्ग यानी बैकुंठ धाम माना जाता है. जगन्नाथ मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण, भाई बलराम और बहन सुभद्रा विराजमान हैं. जगन्नाथ मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और सभी पाप धुल जाते हैं. वैसे तो हर मंदिर के अपने-अपने रहस्य होते हैं, लेकिन आपने जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी से जुड़े रहस्य के बारे में सुना नहीं होगा. आइए इस मंदिर की रहस्यमयी सीढ़ियों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.

यह मिलती है पौराणिक कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ से मिलने के बाद लोग पाप से मुक्त होने लगे. तब यह देखकर यमराज भगवान जगन्नाथ के पास गए और बोले, “हे भगवान, आपने पाप से मुक्ति पाने के लिए यह सरल उपाय बताया है. आपके दर्शन मात्र से लोगों के पाप आसानी से मुक्त होते हैं और कोई भी यमलोक नहीं आता है.” यमराज जी की बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि आप मंदिर के मुख्य द्वार पर तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करें, जिसे यम शिला कहा जाएगा. जो कोई भी मेरे दर्शन करने के बाद उस पर पैर रखेगा उसके सारे पुण्य धुल जाएंगे और उसे यमलोक जाना पड़ेगा.

तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने की है मनाही

जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय नीचे से तीसरी सीढ़ी पर यमशिला उपस्थित है. दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश करते समय पैर सीढ़ियों पर रखने होंगे, लेकिन दर्शन के बाद लौटते समय उस सीढ़ी पर पैर नहीं रखने की सलाह दी जाती है. इस सीढ़ी की पहचान की बात करें तो इसका रंग काला है और जो कि बाकी सीढ़ियों से बिल्कुल अलग रंग की है. जगन्नाथपुरी मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां हैं, जिसमें दर्शन करने के बाद नीचे से शुरुआत की तीसरी सीढ़ी का ध्यान रखना है और उसपर आपके अपने पैर नहीं रखना चाहिए, वरना दर्शन के सभी पुण्य शून्य हो जाएंगे.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष ”

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