• May 11, 2024 2:22 am

बिहार में विकास की 45 परियोजनाओं पर क्यों लगा ग्रहण

12 सितंबर 2022 | बिहार में भूमि अधिग्रहण के चक्कर में करीब 45 परियोजनाओं की रफ्तार धीमी पड़ गयी है। इसमें कुछ प्रमुख एनएच एवं सड़क से जुड़ी 32, रेल से जुड़ी 10 और 5 से 6 अन्य योजनाएं शामिल हैं। अन्य प्रमुख योजनाओं में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर, एसएसबी के लिए जरूरी आधारभूत संरचनाओं का निर्माण, गंगा जल उद्वह योजना, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर समेत कुछ अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। जमीन अधिग्रहण की रफ्तार को तेज करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी संबंधित जिलों को आवश्यक निर्देश जारी किया है।

हाल में विभागीय मंत्री आलोक मेहता की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में भी इन सभी महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण  से जुड़े मामलों का निपटारा जल्द करने को कहा गया है। जिन स्थानों पर जमीन अधिग्रहण में किसी तरह का विवाद है या स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं, तो उसे जिला भू-अर्जन पदाधिकारी या सक्षम प्राधिकार भूमि अर्जन के स्तर पर जल्द निपटाने के लिए कहा गया है।

जिन जिलों में एनएच या सड़क से जुड़ी अन्य योजनाएं अधिक संख्या में चल रही है, वहां के भू-अर्जन पदाधिकारी को इसकी खासतौर से मॉनिटरिंग करने को कहा गया है। इसमें सीवान, औरंगाबाद, पूर्णिया, मधेपुरा, पूर्वी चंपारण, शिवहर और सुपौल शामिल हैं। सभी जिलों को अतिरिक्त संख्या में दो-दो कंप्यूटर ऑपरेटरों की बहाली भी की जा रही है। ताकि जमीन अधिग्रहण की अपडेट स्थिति रोजाना कंप्यूटर पर अपलोड की जा सके। ऐसे सभी जिलों को तमाम जरूरी प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण से जुड़े डाटा को नियमित रूप से अपलोड करने को कहा गया है। पटना-गया-डोभी एनएच-83, आमस-रामनगर एनएच-119डी, पटना-आरा-सासाराम एनएच-119ए समेत ऐसे कई एनएच की योजनाएं हैं, जो वर्षों से भूमि अधिग्रहण के कारण लंबित पड़ी हैं। इस तरह की योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरी करने के लिए कहा गया है। कुछ परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण में राशि भुगतान का मामला भी अटका हुआ है। इन्हें भी जल्द दूर करने को कहा गया है।

Source:-"हिंदुस्तान"

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