• May 28, 2024 9:56 pm

क्या भारत के जंगी जहाज INS इंफाल को टक्कर दे पाएंगे चीन और पाकिस्तान?

27 दिसंबर 2023 ! आईएनएस इंफाल एक ऐसा नाम है, जिसे सुनकर भारत के दो पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ चुकी है. भारतीय नौसेना में शामिल यह वॉरशिप पड़ोसी देशों को न केवल चुनौती देने में सक्षम है, बल्कि उनकी साजिशों का पर्दाफाश भी कर सकता है. यह गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर सरफेस टू सरफेस सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल और मीडियम रेंज सरफेस टू एयर बराक-8 मिसाइल से लैस है.

आईएनएस इंफाल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें एंटी सबमरीन हथियार ही नहीं, उनका पता लगाने वाले खास सेंसर भी हैं, जो चीन और पाकिस्तान की पनडुब्बियों का आसानी से पता चलाकर उन्हें डुबा सकता है. ऐसे में सवाल है कि भारतीय वॉरशिप का मुकाबला करने के लिए चीन और पाकिस्तान के पास क्या है?

नौसेना की कुल ताकत की बात करें तो चीन की नौसेना दुनिया में सबसे बड़ी है. उसके पास 41 से ज्यादा विध्वंसक हैं. 2022 में अमेरिका की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन के पास 340 वॉरशिप हैं और दो साल में इनकी संख्या बढ़कर पांच सौ तक हो सकती है. संख्या बल में भी चीन काफी आगे हैं. भारत दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी नौसेना है. पर, संख्या में कम होने के बावजूद भारत तकनीकी तौर पर कहीं आगे हैं.

आईएनएस इंफाल ने भारत को और मजबूती दी है. अरब सागर में रहकर यह चीन और पाकिस्तान, दोनों पर नजर रखने में कामयाब होगा. 75 फीसदी स्वदेशी साज-ओ-सामान से आईएनएस इंफाल जैसे विध्वंसक को तैयार किया गया है, जो भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है. आत्मनिर्भर भारत अभियान को तो इससे बढ़ावा मिलेगा ही, इसकी विशेषताओं के आगे दुश्मन की संख्या भी धरी की धरी रह जाएगी.

पाकिस्तानी नौसेना यूं भी कहीं नहीं ठहरती

भारत के आगे पाकिस्तानी नौसेना यूं भी कहीं नहीं ठहरती. चार बार घोषित युद्धों में पाकिस्तानी नौसेना मुंह की खा चुकी है. अघोषित अनेक विवादों में भी आए दिन भारतीय नौसैनिकों से पिटती है. पाकिस्तान की नौसेना के पास जो कुछ भी है, वह चीन से मिली हुई ताकत है. चीन अपने पुराने पोत, जहाज, हथियार अक्सर ही पाकिस्तान को दे देता है.

पाकिस्तान के पास 30 हजार से ज्यादा नौसैनिक हैं, वहीं भारत के पास करीब 70 हजार जवान हैं. पाकिस्तान के पास रिजर्व सैनिक पांच हजार हैं तो भारत के पास 75 हजार हैं. पाकिस्तान के पास 114 जहाज तथा 73 विमान उपलब्ध हैं तो भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर, तीन सौ से ज्यादा एयरक्राफ्ट, डेढ़ सौ से ज्यादा जंगी जहाज और सबमरीन हैं. सब अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं.

सागर में सीना तानकर खड़ा होगा आईएनएस इंफाल

भारत के पूर्वोत्तर को लेकर चीन हमेशा से चालाकी का सहारा लेता है. उसकी इसी हरकत के मद्देनजर शायद इस विध्वंसक का नाम मणिपुर की राजधानी इंफाल के नाम पर रखा गया है. यह आजादी के दीवानों को श्रद्धांजलि देने का संकेत है तो पूर्वोत्तर राज्यों के लिए संदेश भी. यह चीन के लिए भी संदेश है. चीन हमेशा से अपनी परमाणु पनडुब्बियों पर इतराता रहा है पर अब सागर में उसके सामने खड़ा होगा आईएनएस इंफाल. इसमें पनडुब्बियों का मुकाबला करने के लिए स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 एमएम की सुपर रैपिड गन भी लगी है.

परमाणु से लेकर केमिकल वार तक में करेगा रक्षा

भारत का यह गौरवशाली जहाज एटॉमिक, बॉयोलॉजिकल और केमिकल वार की स्थिति में भी अपने देश की रक्षा करेगा. दुश्मन ने हवा से हमला किया तो इसमें लगी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार गिराने वाली मिसाइलें मुंहतोड़ जवाब देंगी. वॉरशिप के जरिए दुश्मन ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो एंटी वॉरशिप मिसाइलें और टॉरपीडो उनके सामने खड़े होंगे. आईएनएस इंफाल में लगाई गई ब्रह्मोस मिसाइल तो 90 डिग्री पर घूमकर चीन-पाकिस्तान के जंगी जहाजों के होश उड़ा देगी.

दुश्मन नहीं खोज पाएगा आईएनएस इंफाल के सेंसर

सबसे अहम बात तो यह है कि आईएनएस इंफाल में लगे अत्याधुनिक सेंसर दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों का ही पता नहीं लगा सकते हैं, बल्कि उनके हथियारों को भी खोज निकालने में सक्षम हैं. इससे भी एक कदम आगे बढ़कर इसकी एक और खासियत है कि इन सेंसर को खोज पाना दुश्मनों के लिए लगभग असंभव है.

चीन के जासूसी जहाजों को मिलेगी चुनौती

दरअसल, भारत के लिए आईएनएस इंफाल जैसा विध्वंसक इसलिए भी जरूरी थी, क्योंकि चीन हर वक्त हिन्द महासागर में सात-आठ जासूसी जहाज तैनात रखता है. पाकिस्तान की नौसेना को भी चीन मजबूत करता रहता है. यह भी आशंका जताई जा चुकी है कि वह हिन्द महासागर में कैरियर बैटल ग्रुप की भी तैनाती कर सकता है. इससे निपटने के लिए आईएनएस इंफाल अब सीना तानकर खड़ा होगा, क्योंकि इसने भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ा दी है.

सोर्स :- ” TV9 भारतवर्ष    

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