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सत्संग के बिना मन और ज्ञान दोनों ही अधूरे होते हैं, पं. घीसालाल नागदा।

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Dec 31, 2021 ## satsang

31 दिसंबर 2021 | नीमच। भादवामाता स्थित गौशाला में भागवत ज्ञानगंगा महोत्सव के छटे दिन भागवत कथा की शुरूआत सतसंग एवं कीर्तनों के साथ हुई। इस अवसर पर पं. घीसालाल नागदा ने कहा तालियां बजाना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद तो है इन तालियों से भगवान प्रसन्न होते हैं। जो इन तालियों से उत्सव का आनंद लेते हैं भगवान भी उन भक्तों के घरों में उत्सव का मौका देते हैं और उसी का परिणाम होता हैं कि हरीभक्तों के घरों में जन्मोत्सव से लेकर विवाह जैसे बड़े-बड़े उत्सव होते हैं, व्यासपीठ पर विराजित घीसालाल नागदा ने कहा कि सत्संग के बिना मन और ज्ञान दोनों ही अधूरे होते हैं, इसलिए सत्संग में मन को लगाना चाहिए जिससे मनोबल और ज्ञान दोनों ही ऊंचे होते है। यदि हमें आध्यात्मिक मार्ग में जाना है तो धर्म का ज्ञान होना आवश्यक है, इस अवसर पर कृष्ण रुकमणी विवाह की सजी हुई झांकी एवं नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसमें श्रीकृष्ण काजल रघुवंशी अम्बामाता, चैतना रघुवंशी, रुकमणी निशा रघुवंशी तथा सखी चंचल रघुवंशी, मधुबाला पाटीदार ने प्रभावी अभिनय प्रस्तुत किया, झांकी का निर्देशन एवं श्रंगार, साजसज्जा राधेश्याम नागदा, नारायण नागदा, कृष्णा नागदा ने संयुक्त रुप से किया, इस अवसर पर भागवत महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

कृष्ण सुदाम मिलन के साथ भागवत का विश्राम आज
भादवामाता स्थित गौशाला में भागवत ज्ञानगंगा महोत्सव के सातवे दिन आज शुक्रवार को कृष्ण सुदामा मिलन के भागवत कथा का विश्राम होगा।

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