• June 17, 2024 1:34 pm

पढ़ाई-लिखाई में महिलाएं पीछे व पुरुष आगे अब जिले के 2500 निरक्षरों को करेंगे साक्षर

08  सितंबर 2022 | नव भारत साक्षरता कार्यक्रम चलाकर जिले के 2500 निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। चिह्नांकित निरक्षरों को अंकों का ज्ञान, गणितीय व अन्य ज्ञान संबंधित जानकारी दी जाएगी। पिछले साल पढ़ना-लिखना अभियान के तहत 7 हजार निरक्षर साक्षर हो चुके हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार हर साल लोक शिक्षा केंद्रों और सार्वजनिक स्थानों पर 15 से 80 वर्ष की आयु तक के लोगों को शिक्षा दी जाएगी। ग्राम पंचायत एवं मोहल्ला-पारा में असाक्षरों के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा।

पिछले साल केंद्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत पढ़ना-लिखना अभियान के तहत पढ़ना-लिखना और अंक ज्ञान को मापदंड के तौर पर निर्धारित किया गया था। पहले चरण में जिले के दो ब्लॉक डौंडी व डौंडीलोहारा के असाक्षरों को साक्षर करने की योजना बनी थी। स्टेट नोडल अफसर प्रशांत कुमार पाण्डेय लगातार मॉनिटरिंग कर अफसरों को जरूरी निर्देश व निरक्षरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। डीईओ प्रवास बघेल, एपीसी राधेश्याम साहू ने बताया कि पिछले साल पढ़ना-लिखना अभियान के तहत 8 हजार लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया था।

जिसमें 7 हजार लोग परीक्षा में बैठे थे। अब राज्य से 2500 लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य मिला है। पहले पढ़ना-लिखना अभियान चल रहा था, जिसे अब नव भारत साक्षरता कार्यक्रम नाम दिया गया है, इसी के तहत साक्षर किया जाएगा।

महिलाओं की साक्षरता दर 71.28%, पुरुषों का 89.52%: जिले की साक्षरता दर 80.28 प्रतिशत है। इस लिहाज से अब भी 19% से ज्यादा लोग निरक्षर है। जिन्हें साक्षर करने अभियान व कार्यक्रम चल रहे हैं। वहीं महिलाओं की साक्षरता दर 71.28% और पुरुषों का 89.52% है।

इस लिहाज से 18.24% का अंतर है। पिछले साल डौंडी व लोहारा ब्लॉक में 8048 निरक्षरों की पहचान कर सभी को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। जिले के 5 ब्लॉक पर गौर करें तो बालोद में सबसे ज्यादा 81.95%, गुरूर में 81.37% और गुंडरदेही में 81.25% लोग साक्षर हो चुके हैं। जबकि डौंडी में 78.98% व डौंडीलोहारा ब्लॉक में 78.43% लोग साक्षर हैं। हालांकि जिला सांख्यिकी अधिकारी ओपी देशमुख का कहना है कि नए सिरे से सर्वे होगा तो साक्षरता दर और बढ़ेगी। दरअसल 2021 में जनगणना सर्वे नहीं हो पाया है।

बालोद ब्लॉक में गांव से शहर में 7% ज्यादा लोग साक्षर

बालोद ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत 80.52% तो शहरी क्षेत्र में 88.06% लोग साक्षर है। गुंडरदेही में 81.22% ग्रामीण, 81.72% शहरी, डौंडीलोहारा में 78.19% ग्रामीण, 85.88% शहरी, डौंडी में 76.23% ग्रामीण, 83.49% शहरी, गुरूर में 81.23% ग्रामीण, 86.46% शहरी साक्षर है। ओवरऑल जिले में ग्रामीण क्षेत्र के 80.52% और शहरी क्षेत्र के 84.54% लोग साक्षर है। बालोद ब्लॉक में 49 हजार 729 पुरुष, 41 हजार 505 महिलाएं कुल 91 हजार 234 लाेग साक्षर हो चुके है।

इसी तरह गुंडरदेही ब्लॉक में 80 हजार 654 पुरुष, 65 हजार 718 महिलाएं कुल एक लाख 46 हजार 372, डौंडीलोहारा ब्लॉक में 75 हजार 599 पुरुष, 60 हजार 523 महिलाएं, कुल एक लाख 36 हजार 122, डौंडी ब्लॉक में 59 हजार 766 पुरुष, 48 हजार 994 महिलाएं कुल एक लाख 8 हजार 760 और गुरूर ब्लॉक में 56 हजार 619 पुरुष और 46 हजार 836 महिलाएं कुल एक लाख 3 हजार 455 लोग साक्षर है। जिले में 4 लाख 8 हजार 638 में से 3 लाख 22 हजार 367 पुरुष और 4 लाख 17 हजार 527 में से 2 लाख 63 हजार 576 महिलाएं कुल 8 लाख 26 हजार 165 में से 5 लाख 85 हजार 943 लोग साक्षर हो चुके हैंं।

सामाजिक बदलाव व जागरूकता का असर दिख रहा

साक्षरता दर में वृद्धि होने का सबसे बड़ा कारण सामाजिक बदलाव व जागरूकता है। मां-बाप, परिजनों की बेटियों के प्रति बदली सोच का परिणाम है। पहले शिक्षा के महत्व को न समझकर ग्रामीण क्षेत्र के पालक माता-पिता अपनी बेटियों को स्कूल, काॅलेज में पढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखाते थे, गांव में स्कूल न होना भी मुख्य कारण था। अब गांव-गांव में आंगनबाड़ी, प्राइमरी स्कूल हो गए है। ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेज है। बच्चे खुद अब पालकों को पढ़ा रहे हैं।

Source:-“दैनिक भास्कर”

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