गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2022 से लेकर अब तक मुद्रास्फीति घटाने के उपायों के तहत ब्याज दर में दो सौ पचास आधार अंकों की बढोत्तरी की है। हालांकि विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढी ब्याज दर से ऋण लागत ऊंची होगी और घरेलू उपभोक्ता खपत कम हो सकती है जिसका असर सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर में कमी के रूप में दिख सकता है। विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-34 के लिए जीडीपी वृद्धि दर में संशोधन करते हुए छह दशमलव तीन प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है जो भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा पूर्वानुमान छह दशमलव चार प्रतिशत के नजदीक है। वैश्विक और घरेलू कारणों से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर एशियाई विकास बैंक ने भी इस अवधि के दौरान भारत में सकल उत्पादन वृद्धि दर छह दशमलव चार प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। (वी. के. झा)
विश्व बैंक ने कहा- भारत में चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति घटकर 5.2 प्रतिशत हो जाएगी
नई दिल्ली, 06 अप्रैल। विश्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मुद्रास्फीति इससे पिछले वित्त वर्ष के छह दशमलव छह प्रतिशत की तुलना में घट कर पांच दशमलव दो प्रतिशत पर आ जाएगी। विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान भी व्यक्त किया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में देश का चालू खाता घाटा भी इससे पूर्व वित्त वर्ष के लिए अनुमानित तीन प्रतिशत से घटकर सकल घरेलू उत्पाद के दो दशमलव एक प्रतिशत पर आ जाएगा।