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जम्मू कश्मीर में ‘आसान’ प्रवेश के लिए श्रमिकों से अवैध वसूली करने के आरोप में 13 व्यक्तियों को किया गिरफ्तार

ByPrompt Times

Oct 1, 2020
जम्मू कश्मीर में 'आसान' प्रवेश के लिए श्रमिकों से अवैध वसूली करने के आरोप में 13 व्यक्तियों को किया गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर : जम्मू कश्मीर के बाहर के श्रमिकों से केंद्रशासित प्रदेश में ”प्रवेश” के लिए सहायता के नाम पर अवैध वसूली करने के आरोप में 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में पंजाब में एक मामले सहित सात मामले दर्ज किए गए हैं। कठुआ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि यह जानकारी सामने आने के बाद एक सहायक उप निरीक्षक सहित कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू की गई है कि उन्होंने तय प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए रावी नदी पर दूसरे पुल से लोगों के प्रवेश को इजाजत देने का प्रयास किया।

मिश्रा ने कठुआ में संवाददाताओं से कहा, ”कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास के तहत जम्मू कश्मीर में बाहर से प्रवेश को कुछ दिशा-निर्देशों के तहत अनुमति दी जा रही है… हमें पता चला कि कुछ शरारती तत्व, स्थिति का फायदा उठाते हुए पंजाब में उन श्रमिकों को गुमराह कर रहे हैं जो जम्मू-कश्मीर आना चाहते हैं तथा उनसे प्रति व्यक्ति 1,000 रुपये से लेकर 2,000 रुपये ले रहे हैं।” उन्होंने श्रमिकों को ऐसे दलालों से सावधान करते हुए कहा कि किसी को भी जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने के लिए राशि का भुगतान करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि जो भी यहां प्रवेश करना चाहता है उसे निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और कोविड-19 की जांच करानी होगी जो कि लखनपुर में मुफ्त में होगी। एसएसपी ने कहा, ”दलाल पठानकोट में श्रमिकों के पहुंचने पर उनसे संपर्क करते थे क्योंकि अंतरराज्यीय बस सेवा निलंबित थी। दलाल श्रमिकों को इसको लेकर गुमराह करते थे कि उनकी मदद के बिना केंद्र शासित प्रदेश में उनका प्रवेश असंभव है।” उन्होंने कहा कि घबराये हुए श्रमिक उनके झांसे में आ जाते थे और अपनी गाढ़ी कमायी गंवा देते थे। उन्होंने कहा, ”लखनपुर गलियारे पर कभी-कभी भीड़ बढ़ जाती थी क्योंकि हाल में अटल सेतु खुलने से पहले तक यही जम्मू कश्मीर में प्रवेश का एकमात्र बिंदु था। इसका लाभ उठाये हुए शरारती तत्वों ने इसे आय का जरिया बना लिया था।

” उन्होंने कहा, ”जब हमें यह सूचना मिली तो हमने एक योजनाबद्ध छापेमारी की और अभी तक इस संबंध में सात मामले दर्ज किये हैं।” अधिकारी ने बताया कि छह मामले कठुआ जिले में और एक मामला पंजाब के पठानकोट में दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पहला मामला सात सितम्बर को और आखिरी 28 सितम्बर को दर्ज किया गया। एसएसी ने कहा, ”हमने छह प्राथमिकी में सभी 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से चार लखनपुर पुलिस थाने में और एक-एक मामला कठुआ और हिरानगर में दर्ज किया गया। वहीं पंजाब पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और एक अन्य फरार व्यक्ति की तलाश जारी है।” मिश्रा ने कहा, ”श्रमिकों को अपने जाल में फंसाने के बाद वे उनके आधार कार्ड ले लेते थे और उनके साथ लखनपुर जाते थे जहां वे अधिकारियों को स्वयं को ठेकेदार के तौर पर पेश करते थे जो जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को भेजना चाहते हैं।” एक सवाल पर एसएसपी ने कहा कि इसमें अधिकतर नागरिक शामिल थे लेकिन जांच जारी है क्योंकि एक मामले में इसका संकेत मिला है कि रेलवे पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की भूमिका थी जो एक्साइज विभाग के एक चौकीदार की मदद से पैसे के बदले श्रमिकों की प्रेषण पर्ची के बिना ही कथित तौर पर प्रवेश में मदद कर रहा था। उन्होंने कहा, ”एक एएसआई और एक हेड कान्स्टेबल के बारे में भी सूचना मिली है जिन्होंने कुछ लोगों का रावी पर एक पुल से प्रवेश में मदद करने का प्रयास किया। जांच जारी है लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।” उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों को स्थिति स्पष्ट होने तक वहां से हटा दिया गया है।

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