12 अप्रैल 2022 | दिल्ली से मेरठ तक चलने वाली रैपिड रेल का पहला स्टेशन सराय काले खां होगा। यह हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से सिर्फ 280 मीटर की दूरी पर है। दोनों स्टेशनों को आपस में जोड़ने के लिए 280 मीटर लंबे फुट ओवरब्रिज पर स्वचालित रैंप (ट्रैवलेटर) लगाया जाएगा। यह स्टेशन 215 मीटर लंबा, 50 मीटर चौड़ा और 15 मीटर ऊंचा होगा।
भारी सामान ले जाने में आसानी
NCRTC के प्रवक्ता ने बताया कि सराय काले खां RRTS स्टेशन और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी करीब 280 मीटर है। इस दूरी को देखते हुए पैदल यात्रियों के लिए एक फुट ओवरब्रिज की जरूरत थी, ताकि यात्री इन दोनों स्टेशनों के बीच सुगमता से यात्रा कर सकें। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से आने-जाने वाले महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग यात्रियों के लिए इस तरह की सुविधा बेहद फायदेमंद होगी, खासकर जब वे भारी सामान के साथ यात्रा कर रहे हों।
दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से सराय काले खां रैपिड रेल स्टेशन को ट्रैवलेटर से जोड़ा जा रहा।
2025 तक जनता के लिए खुल जाएगा कॉरिडोर
साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का हिस्सा मार्च 2023 तक चालू हो जाएगा और इसका ट्रायल रन इसी साल शुरू हो जाएगा। पूरा कॉरिडोर 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में दो डिपो और एक स्टेबलिंग यार्ड समेत 25 स्टेशन होंगे। इससे दिल्ली-मेरठ का सफर और आसान हो जाएगा।
सराय काले खां पर रैपिड रेल स्टेशन के लिए पिलर्स पर काम चल रहा है।
सराय काले खां से निकलेंगे RRTS के 3 कॉरिडोर
यह स्टेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फेज-1 के सभी 3 प्राथमिकता वाले RRTS कॉरिडोर (दिल्ली-पानीपत, दिल्ली-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ) इस स्टेशन से शुरू होंगे। यह इंटर ऑपरेबिलिटी यात्रियों को एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर तक बिना स्टेशन से बाहर निकले आसानी से यात्रा करने की सुविधा देगी।
स्टेशन का निर्माण जोरों पर
सराय काले खां RRTS स्टेशन का निर्माण जोरों पर है। इस एलिवेटेड स्टेशन के पिलर्स बनाए जा रहे हैं। स्टेशन में तीन लेवल, ग्राउंड, कॉन्कोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल होंगे। कॉन्कोर्स लेवल पर सुरक्षा, टिकटिंग और अन्य कंप्यूटर-केंद्रित सुविधाएं मिलेंगी। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक चालू करने का लक्ष्य है और पूरा कॉरिडोर 2025 तक चालू हो जाएगा।
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स्टेशन से बाहर निकले बिना ही वाहन पकड़ें
NCRTC की रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) योजना के मूल में मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन को रखा गया है। RRTS स्टेशनों को हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनलों के साथ जोड़ा जाएगा। RRTS स्टेशनों का डिजाइन इस तरह से बनाया है कि विभिन्न परिवहन साधनों से आने-जाने के लिए यात्रियों को स्टेशन से बाहर, सड़क पर निकलने की जरूरत न पड़े। इन स्टेशन पर डेडिकेटेड पिक-अप/ड्रॉप-ऑफ जोन भी बनाए जा रहे हैं। इसमें पैदल चलने वालों के अनुकूल पथ, लिफ्ट/एस्कलेटर, बैठने की जगह और अन्य कंप्यूटर-केंद्रित सुविधाएं होंगी।
Source :- “दैनिक भास्कर”