संतकबीर नगर: पांच साल में विकास भवन की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। विकास भवन परिसर को हरा-भरा बनाने के लिए कई प्रजाति के फलदार, छायादार पौधों को लगाया गया है। सुंदरता बढ़ाने के लिए फूल के पौधे भी लगाए गए हैं।
सीडीओ अतुल मिश्र ने बताया कि मई-2020 में विकास भवन परिसर की खाली भूमि में पौधारोपण की पहल की। अब तक परिसर में बोतल पाम के 58, अशोक पेंडुला के 36, मौलसी के 33, आम (सफेदा, गौरजीत, दशहरी, चौसा) के नौ, जामुन के पांच, बेल के तीन, कटहल के पांच, पाकड़ के चार, श्यामा तुलसी के 300, गुलाब के 50 व गेंदा के 300, 250 फीट में डोरंटा की झाड़ी लगाई जा चुकी है।
पौधों की नियमित सिंचाई के साथ जैविक खाद का प्रयोग होता है। रखरखाव पर अब तक करीब आठ लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। इसमें सरकारी पैसे का उपयोग नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि पांच साल में ये पौधे बड़े हो जाएंगे। इससे यहां का परिसर आकर्षक दिखेगा। विकास भवन की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। पहले खाली पड़ी भूमि में होती थी धान-गेहूं की खेती
- विकास भवन परिसर की खाली भूमि पर पहले धान-गेहूं की खेती होती थी।
सीडीओ जयराम लाल वर्मा के कार्यकाल में विकास भवन के परिसर की खाली पड़ी भूमि पर पौधारोपण कराने की पहल हुई। हालांकि खेती सेअच्छी आय होती थी जिसे कर्मचारी बांट लेते थे।
हरियाली हमें काफी पसंद है। इसीलिए दफ्तर में आने के पहले पौधों को देखते हैं। रख-रखाव पर ध्यान देते हैं। पौधों की इसी तरह देखभाल होती रहेगी तो पांच साल में विकास भवन परिसर बदला दिखेगा।
अतुल मिश्र-सीडीओ