नयी दिल्ली l 11 मई 2021 : पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित सभी 77 भाजपा विधायकों के समक्ष खतरे की आशंका को देखते हुए केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवान उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा के भाजपा सदस्यों की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र कमांडों करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार रिपोर्ट और मंत्रालय द्वारा चुनाव बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में वहां भेजी गई उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम की ओर से मुहैया कराई जानकारी को संज्ञान में लेते हुए दी। भाजपा के 61 विधायकों को ‘एक्स’ श्रणी की सुरक्षा आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 77 में से 61 विधायकों को न्यूनतम ‘एक्स’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी और सीआईएसएफ के कमांडो तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बाकी को या तो केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त है अथवा उन्हें उच्च ‘वाई ‘ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को पहले ही सीआरपीएफ के जवानों द्वारा ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ” राज्य में चुनाव के बाद उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर ये लोग संभावित खतरे का सामना कर रहे हैं और इसलिए उनकी सुरक्षा की जरूरत है।” उन्होंने बताया कि भाजपा के कई प्रत्याशियों, जिनमें दल बदलकर भगवा पार्टी में आने वाले शामिल हैं को कुछ और समय के लिए केंद्रीय सुरक्षा मिलती रहेगी। बंगाल में भाजपा बनी है इस बार मुख्य विपक्षी पार्टी गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा 77 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बनाई है। अधिकारियों के मुताबिक ‘एक्स’ श्रेणी की सुरचा में तीन से चार कमांडों होते हैं जबकि ‘वाई’ श्रेणी में यह संख्या छह से सात कमांडों की हो जाती है। वहीं, ‘जेड’ श्रेणी में व्यक्ति की सुरक्षा के लिए छह से नौ कमांडों तैनात रहते हैं। सीआईएसएफ और सीआरपीएफ के पास अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा करने की प्रशिक्षित इकाई है और दोनों बल करीब 140 हस्तियों को सुरक्षा मुहैया कराते हैं जिनमें केंद्रीय मंत्री, सांसद और नौकरशाह शामिल हैं।