18-सितम्बर-2021 | छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय दर की तुलना में मात्र आधी है। इसके पीछे 16 महीने के कोरोना संक्रमण काल के दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए बेहतर प्रबंधन को मुख्य आधार बताया जा रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) की ताजा के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर 3.8 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत है।
छत्तीसगढ़ राज्य की स्थिति देश के कई बड़े और विकसित राज्यों से बेहतर है।कोरोना संकट काल के दौरान भी कारोबार, व्यवसाय और उद्योग धंधे प्रभावित न हो, इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा त्वरित निर्णय एवं प्रभावी कदम उठाए गए। संक्रमण काल में भी लोगों को निरंतर काम मिलता रहे, इसको लेकर भी राज्य सरकार ने हर संभव प्रबंध किए। गांवों में भी रोजगार मूलक कार्य नियमित रूप संचालित किए गए। वनांचल के इलाकों में लघु वनोपज का संग्रहण, प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग के काम को भी अनवरत रूप से एहतियात के साथ जारी रखा गया।
इससे लोगों को न सिर्फ रोजगार मिला, बल्कि उनकी आमदनी भी प्रभावित नहीं हुई। यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लगातार प्रयास के चलते गांवों की अर्थव्यवस्था को गति मिली है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान मनरेगा के कामों से गांवों में लोगों को निरंतर रोजगार सुलभ हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने भी ग्रामीण अंचल में अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने में मदद की है। इसका परिणाम यह रहा कि मार्केट में पैसे का फ्लो और रौनक कायम रही। जिससे राज्य में बेरोजगारी दर को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
हरियाणा और राजस्थान में सबसे ज्यादा बेरोजगार
बेरोजगारी दर में हरियाणा पहले नंबर पर तो राजस्थान दूसरे नंबर पर है। वहीं आंध्र प्रदेश में 6.5 प्रतिशत, बिहार में 13.6, राजस्थान में 26.7, तामिलनाडू में 6.3, उत्तर प्रदेश में 7, उत्तराखंड में 6.2, दिल्ली में 11.6, गोवा में 12.6, असम में 6.7, हरियाणा में 35.7, जम्मू कश्मीर में 13.6, केरल में 7.8, पंजाब में 6, झारखंड में 16 तथा पश्चिम बंगाल में 7.4 प्रतिशत है।
Source:- “दैनिक भास्कर”