11-अक्टूबर-2021 | श्री राम लीला क्लब सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था सैनिक कॉलोनी की ओर से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। पांचवें दिन राजा दशरथ से कैकेयी ने दो वर मांगे, जिसमें एक में राम को चौदह वर्षों का वनवास और दूसरे में भरत को सिंहासन। इसके बाद राम, सीता और लक्ष्मण वन के लिए निकल पकड़ते हैं, जिसे देश दर्शक भावुक हो गए। इस दौरान जय श्री राम के जयघोष गूंज उठे। सैनिक कॉलोनी में मंचित रामलीला में दिखाया की सीता स्वयंवर के बाद जब श्री राम-लक्ष्मण अयोध्या पहुंचते हैं, तो पूरे राज्य में खुशियां मनाई जाती हैं। राजा दशरथ श्री राम को अयोध्या का राजकाज देने का निर्णय करते हैं। अंतिम समय पर कैकेयी अपनी दासी मंथरा के कहने पर पूर्व में दिए गए राजा दशरथ को दो वर मांग लेती है। पहले में वह श्री राम को 14 वर्ष का वनवास, दूसरे में भरत को अयोध्या का बनाने को कहती हैं। राजा दशरथ कैकेयी को बहुत मनाते हैं, मगर कैकेयी नहीं मानतीं। जब श्रीराम को पता चलता है कि माता कैकेई ने भरत के लिए राज्य अभिषेक और उनके लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा है तो वह सहर्ष तैयार हो जाते हैं। इसके बाद तीनों सन्यासी की वेशभूषा में राजा दशरथ एवं तीनों रानियों से आज्ञा लेकर वन के लिए प्रस्थान करते हैं। रामलीला में दशरथ का किरदार परमजीत सलाथिया, कैकेयी अभिनंदन सिंह, मंथरा विशाला शर्मा, राम रणजीत चौधरी, लक्ष्मण उदय प्रताप सलाथिया और सीता अंकुश ने निभाया।
श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ सीता से किया विवाह
परेड स्थित दीवान मंदिर में सनातन धर्म नाटक समाज की ओर से आयोजित रामलीला के तीसरे दिन रंगमंच पर सीता स्वयंवर, फुलवारी, धनुष यज्ञ का मंचन किया गया। मंचन में दिखाया कि कोई भी राजा धनुष तोड़ना तो दूर हिला तक न पाता, तो राजा जनक चिंतित हो जाते हैं। इसके बाद विश्वामित्र राम को धनुष तोड़ने की आज्ञा देते हैं। आज्ञा पाकर राम भगवान शंकर का धनुष तोड़ देते हैं। इसके बाद सीता से उनका विवाह संपन्न होता है। सीता के रूप में कलाकार कोमल परिहार के अभिनय की लोगों ने सराहना की।
Source:-अमर उजाला