2 अप्रैल 2022 | बूंदी राजघराने के नए मुखिया वंशवर्धन सिंह को पगड़ी पहनाने का दस्तूर शनिवार को बूंदी की नवल सागर झील किनारे स्थित मोती महल में किया गया। कापरेन ठिकाने के कुंवर वंशवर्धन सिंह को पगड़ी(पाग) बांधी गई। तिलक दस्तूर सहित राजतिलक का हर दस्तूर बूंदी राजघराने की सनातन राज परंपरा के मुताबिक निभाया गया। इसके बाद वंशवर्धन बूंदी के आराध्य रंगनाथ मंदिर पहुंचे। फिर घोड़े पर सवार होकर तारागाढ़ फोर्ट पहुंचे। यहां आज 12 साल बाद फिर से दरबार लगाया गया। वंशवर्धन राजगद्दी पर बैठे। नजराने की परंपरा निभाई गई।
![वंशवर्धन सिंह हाथी पर सवार हुए। इसके बाद शहर में शोभायात्र निकाली गई।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/04/02/2-apr-32_1648898610.jpg)
वंशवर्धन सिंह हाथी पर सवार हुए। इसके बाद शहर में शोभायात्र निकाली गई।
इस दौरान अलवर रियासत के भंवर जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। साथ ही कई पूर्व रियासत और पूर्व ठिकानों के सदस्य कार्यक्रम में पहुंचे। मेवाड़ के उदयपुर राजघराने के बाद बूंदी की रियासत राजपूताने की सबसे प्राचीन रियासत मानी जाती है। इसकी स्थापना महाराव देवा हाड़ा ने 780 साल पहले 1242 में की थी। बूंदी राजवंश में कई प्रतापी शासक हुए हैं। बूंदी राजपूताने के चौहान वंश के हाड़ा कुल की पहली रियासत है। पारंपरिक आयोजन के बाद शाम चार बजे से शोभायात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में बूंदी के लोग पहुंचे।
![तारागढ़ फोर्ट में सालों बाद लगा दरबार।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/04/02/2-apr-27_1648893274.jpg)
तारागढ़ फोर्ट में सालों बाद लगा दरबार।
इंग्लैंड-कनाडा से की पढ़ाई
वंशवर्धन सिंह का जन्म कापरेन ठिकाने के बलभद्र सिंह हाड़ा के घर 8 जनवरी 1987 को हुआ। इनकी शुरुआती पढ़ाई डेली कॉलेज, इंदौर से हुई। इसके बाद इंग्लैंड में लीस्टर की डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी से कॉलेज की पढ़ाई की। उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में कनाडा से डिग्री हासिल की। दो साल एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम किया। 2013 में वंशवर्धन सिंह बूंदी लौट आए। इन्हें वंश परंपरा के अनुसार महाराजा रणजीतसिंह का उत्तराधिकारी बनाया गया है। वंशवर्धन ने ठाकुर दीप सिंह धनानी की पुत्री मयूराक्षी कुमारी से 2016 में शादी की। वंशवर्धन सिंह और मयूराक्षी का दो साल का बेटा वज्रनाभ है।
![घोड़े पर सवार होकर तारागढ़ फोर्ट जाते हुए वंशवर्धन।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/04/02/2-apr-24_1648893330.jpg)
घोड़े पर सवार होकर तारागढ़ फोर्ट जाते हुए वंशवर्धन।
अलवर रियासत से भंवर जितेन्द्र सिंह, कोटा रियासत से कुमार, बीकानेर से रवि राज सिंह, सिरोही से पदमश्री रघुवीर सिंह, पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर(बदनोर ठिकानेदार), किलचिपुर रियासत के प्रियव्रत सिंह, राघव गढ़ से कुमार जयवर्धन सिंह, कच्छ से प्रताप सिंह, झालावाड़ के राणा चंद्र सिंह समेत कई पूर्व रियासतों के मुखिया और सदस्य मौजूद रहे।
![तारागढ़ फोर्ट में नजराने की परंपरा की तैयारी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/04/02/2-apr-26_1648893417.jpg)
तारागढ़ फोर्ट में नजराने की परंपरा की तैयारी।
![दरबार के बाद वंशवर्धन हाथी पर सवार होकर शोभायात्रा निकालेंगे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/04/02/2-apr-30_1648893469.jpg)
दरबार के बाद वंशवर्धन हाथी पर सवार होकर शोभायात्रा निकालेंगे।
![वंशवर्धन ने रंगनाथ मंदिर के दर्शन किए।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/04/02/2-apr-25_1648893579.jpg)
वंशवर्धन ने रंगनाथ मंदिर के दर्शन किए।
![पगड़ी पहनाने के बाद बूंदी के आराध्य रंगनाथ मंदिर जाते वंशवर्धन सिंह।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/04/02/2-apr-22_1648893528.jpg)
Source :- “दैनिक भास्कर”