• April 30, 2024 6:29 am

डीकेएस अस्पताल में ओपीडी ठप, सर्जरी भी बंद, इलाज के मरीज भटकते रहे मरीज, 30 गंभीर रोगी लौटाए

2 अगस्त 2022 शासकीय मेडिकल कालेजों में कार्यरत संविदा चिकित्सकों ने प्रदेश स्तरीय हड़ताल की। इसका बड़ा असर राजधानी के शासकीय डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में देखने को मिला, जहां ओपीडी सेवाएं बंद होने से इलाज के लिए आए सैकड़ों मरीज भटकते रहे। वहीं चिकित्सकों ने सर्जरी भी बंद कर दी। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब गंभीर हालत में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को एक-एक कर लौटाते रहे।

डीकेएस अस्पताल में सुबह से शाम तक करीब 30 गंभीर मरीज इलाज के लिए पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से उन्हें भर्ती ही नहीं किया गया। कुछ मरीजों को गेट से ही भगा दिया गया। कुछ को आंबेडकर अस्पताल रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान दो मरीजों के दम तोड़ने की भी सूचना है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। हड़ताल की वजह से अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा।

दूसरे जिलों व अन्य राज्यों से आए मरीज विनोद कुमार, सुशीला बाई, दिवाकर, यशवंत, यशोदा साहू ने बताया कि सुबह से इलाज के लिए आए हैं। ओपीडी बंद होने की बात कहते हुए अंदर नहीं जाने दिया, इसलिए सुबह से इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान कुछ मरीजों की हालत बिगड़ने पर उन्हें आंबेडकर अस्पताल जाना पड़ा। आंबेडकर अस्पताल के संविदा चिकित्सकों ने काम बंद नहीं किया, लेकिन विरोध-प्रदर्शन को मौन सहमति दी।

काली पट्टी से विरोध फिर अनिश्चितकालीन धरना

डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के संविदा चिकित्सक डा. मेघना मिश्रा, डा. शताब्दी राय, डा. उत्तम, डा. यूबी दयाल, डा. जीवनलाल ने बताया कि अस्पताल में सप्ताह भर तक काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद भी यदि शासन मांगों को पूरा नहीं करता है तो सभी संविदा चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान ओपीडी समेत आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी जाएगी और पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।

350 से अधिक मरीजों का ओपीडी में इलाज

डीकेएस अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि हर दिन 350 से अधिक मरीजों का ओपीडी में इलाज होता है। वहीं हर दिन 30 से अधिक मरीज गंभीर अवस्था में इलाज के लिए आते हैं। 15 से अधिक सर्जरी हर रोज होती है। इसके अलावा जांच व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी शामिल हैं। संविदा चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से पूरे दिन स्वास्थ्य सेवाएं चौपट रहीं।

इसलिए हड़ताल पर हैं संविदा चिकित्सक

शासन द्वारा संविदा चिकित्सकों को नियमित करने की बात कही गई, लेकिन डीकेएस अस्पताल व रायपुर मेडिकल कालेज के संविदा चिकित्सकों को इससे बाहर रखा गया है। इन चिकित्सकों का कहना है कि वर्षों से शासकीय सेवा कर रहे हैं। अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी संविदा चिकित्सकों पर हैं। कई चिकित्सकों की सेवा करते हुए उम्र अधिक होने की वजह से वह नियमित पदों के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने राज्य शासन से जल्द से जल्द नियमित करने की मांग की है।

Source;-“नईदुनिया”     

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