17 मार्च 2023 | यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच लगातार बढ़ रहे परमाणु हमले की आशंका के बीच लीबिया से एक ऐसी खबर मिली जो पूरी दुनिया के लिए दहशत बढ़ाने वाली है. यहां से तकरीबन 250 किलो प्राकृतिक यूरेनियम गायब हो गया है. विएना की इंटरनेशनल परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल मारियानो ने यूरेनियम से भरे 10 ड्रम न मिलने की जानकारी दी है.
मुसीबत ये है कि यदि ये यूरेनियम गलत हाथों में पड़ गया तो तबाही मचा सकता है. यूरेनियम ही वो पदार्थ है जिसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में होता है. हालांकि प्राकृतिक यूरेनियम को सीधे किसी हथियार में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. पहले इसे रिफाइन (संवर्धित) यूरेनियम में बदलना होगा.
परमाणु बम के लिए संवर्धित यूरेनियम की जरूरत
एक परमाणु बम के लिए तकरीबन 25 किग्रा संवर्धित यूरेनियम की आवश्यकता होती है. इसे बनाने के लिए पहले प्राकृतिक यूरेनियम को गैस में बदला जाता है इसके बाद इसे न्यूक्लियर फ्यूल तैयार होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक 1 टन यानि 100 किग्रा यूरेनियम से तकरीबन 6 किलो संवर्धित यूरेनियम बनाई जा सकती है. लीबिया से जो 10 ड्रम गायब हुए उनमें 250 किलो यूरेनियम थी. यदि इस यूरेनियम को बदला गया तो 15 किलो संवर्धित यूरेनियम तैयार हो जाएगी.
शहर को तबाह करने के लिए काफी है एक परमाणु बम
परमाणु बम किसी शहर या इलाके को तबाह करने के लिए काफी है, हिरोशिमा में जो परमाणु बम फेंका गया था वह यूरेनियम से ही तैयार किया गया था. नागासाकी पर फेंका गया परमाणु बम प्लूटोनियम से तैयार था. जापान के शहर हिरोशिमा पर फेंके गए परमाणु बम से उसी साल तकरीबन डेढ़ लाख लोगों की मौत हो गई थी.
स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक
यूरेनियम एक प्रकार का रेडियोएक्टिव पदार्थ है, ऐसे में यह आम लोगों के लिए स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है. यानी कि इसे ठीक से स्टोर किया जाना भी बहुत जरूरी है. विशेषज्ञों के मुताबिक यूरेनियम के अल्फा कण सांस के साथ शरीर के अंदर जाकर हड्डी या लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं. इससे फेफड़ों और किडनी को भी बहुत नुकसान पहुंचता है.
बिजली बनाने में काम आता है यूरेनियम
यूरेनियम का प्रयोग घातक हथियारों में किया जाता है. परमाणु बम बनाने के अलावा इससे मिसाइल, गोलियां, छोटे बम भी बन सकते हैं, इसके अलावा परमाणु संयत्रों में भी इसका इस्तेमाल ईंधन में होता है. इसके अलावा यूरेनियम का इस्तेमाल बिजली बनाने में भी होता है. विशेषज्ञों के मुताबिक एक किलो यूरेनियम से तकरीबन 45 हजार किलो वाट बिजली बनाई जा सकती है, जबकि इसके मुकाबले 1 किलो कोयले से महज 8 किलो वॉट बिजली का ही उत्पादन हो सकता है.