31 जुलाई 2023 ! काठ का एक घर, जिसके कई कपाट हर कपाट के दोनों ओर बने चित्र और उनसे जुड़ी अनेक लोकश्रुतिया यानी कावड़. उदयपुर शहर के इस कला को संजोने का कार्य आज भी एक परिवार कर रहा है.
इस परिवार की इस कला को विदेशों में भी खास पहचान मिली है. बदलते परिवेश के साथ इन्होंने अपनी इस कावड़ कला में भी बदलाव करते हुए अब परिवार के सदस्यों की कावड़ बनना शुरू किया है.
इतिहासकार श्रीकृष्ण जुगनू बताते है कि कावड़ कला हजारों साल पुरानी है. उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के समय से इसकी शुरुवात हुई थी. यह एक अलमारी के समान होती है जिसमें एक के बाद एक दरवाजे होते है.
जिन पर चित्र बनाने होने है और कहानी का उल्लखे होता है. पुराने जमाने में कहानी को चित्रों के माध्यम से समझाने का यह एक अधबुद्ध तरीका था. इसमें रामायण, महाभारत, विष्णु के स्वरूपों का वर्णन किया जाता था.
सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”