• May 2, 2024 7:46 pm

आयकर विभाग की कार्रवाई-सीबीडीटी का खुलासा, अमहारा से 100 करोड़ की अघोषित आय मिली

2 नवंबर 2021 | आयकर विभाग ने सड़क निर्माण से जुड़े अमहारा कंस्ट्रक्शन की 100 करोड़ की अघोषित आय पकड़ी है। आयकर विभाग ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक और उसके दफ्तरों व अन्य ठिकानों पर छापेमारी के बाद यह गड़बड़ी पकड़ी है। करीब चार दिनों तक चली छापेमारी के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज(सीबीडीटी) ने सोमवार को इसका खुलासा किया।

सीबीडीटी के अनुसार बिहार-झारखंड की इस प्रमुख कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 5.71 करोड़ रुपए कैश जब्त किए गए हैं और 10 बैंक लॉकर को कब्जे में लिया गया है। कई फिक्स्ड डिपोजिट में भी निवेश का पता चला है। आयकर विभाग ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक राकेश कुमार के बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। राकेश के रेंजर भाई के देवघर स्थित घर से 3.85 करोड़ कैश मिले थे।

जब्त दस्तावेजों से यह संकेत मिले हैं कि कई स्थानों पर अघोषित कैश का मूवमेंट किया गया, जिसका इस्तेमाल विभिन्न स्थानों पर अचल संपत्ति खरीदने में किया गया। इसके अलावा व्यक्तिगत खर्च के लिए भी इस कैश का इस्तेमाल किया गया।

कंपनी ने आमदनी छुपाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए थे

इधर सीबीडीटी के अनुसार छापेमारी के दौरान यह खुलासा हुआ कि कंपनी ने अपनी आमदनी को दबाने-छिपाने के लिए निर्माण सामग्री की खरीद को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया और फिर से उसे मार्केट में बेच दिया। लेकिन इससे आने वाले पैसे को छिपा लिया गया। इस कंस्ट्रक्शन ग्रुप ने बिजनेस से जुड़े खर्चे को बढ़ाने के लिए कई अन्य जगहों पर भी इसका समायोजन किया। छापेमारी के दौरान ग्रुप की संदिग्ध गतिविधियों में मददगार कमीशन एजेंट्स के ठिकानों से कई हैंड रिटेन डायरी भी बरामद की गई है।

लेन-देन का खाता भी मेंटेन नहीं किया, ठेके की रसीद भी छिपाई

यह भी खुलासा हुआ है कि ग्रुप ने ठेके से संबंधित रसीद और सर्विस आमदनी को भी छिपाया। कंपनी की तरफ से लेन-देन के खाता भी मेंटेन नहीं किया जा रहा था। यहां तक कि बिल और वाउचर भी मेंटेन नहीं किए जा रहे थे। छापेमारी के दौरान यह भी पता चला कि बोगस बिल देने वाले कमीशन एजेंट्स और सप्लायरी की मदद से करोड़ों की टैक्स छिपाई गई। छापेमारी को दौरान करीब 100 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग की जांच जारी है।

Source :-“दैनिक भास्कर”

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