कासगंज। एक पखवाड़े की राहत के बाद सब्जियों का राजा आलू एक बार फिर अकड़ दिखाने लगा है। न तो स्थानीय नई फसल बाजार में आई है और न ही पंजाब से आलू यहां पहुंचा है। इसलिए फिर से आलू की कीमतों में उछाल आया है। फिलहाल आलू के भाव 45 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गए हैं।
शासन से भूटान के आलू मंगाने की घोषणा और शीतगृहों से 31 अक्तूबर तक आलू की निकासी करने के आदेश के बाद कीमतों में गिरावट आने लगी थी। बाजार में फुटकर में आलू की कीमत घटकर 38 रुपये किलो तक रह गई। बाजार में पुराने आलू का स्टॉक तेजी से घटता जा रहा है। सितंबर माह में बोए गए अगैती आलू की फसल अभी तक बाजार में नहीं आई है। इसके लिए अभी करीब 15 दिन और इंतजार करना पड़ेगा।
वैसे इन दिनों में पंजाब का आलू स्थानीय बाजारों में आने लगता है, लेकिन अभी तक उसका बेसब्री से इंतजार हो रहा है। नतीजतन बाजार में फिर से आलू की कीमत बढ़कर 45 रुपये किलो तक जा पहुंची है। व्यापारी मान रहे हैं कि यादि जल्द ही बाजार में पंजाब या स्थानीय अगैती आलू नहीं आया तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
सहालगों में और बढ़ेगी मांग
देवोत्थान एकादशी से सहालग शुरू हो रहे हैं। शादियों में आलू की मांग और भी बढ़ेगी। जबकि बाजार में आलू का स्टॉक तेजी से घट रहा है। ऐसे में पुराने आलू की किल्लत की आशंका है।
दीपावली से बजट पहले से ही प्रभावित हो गया। अब आलू की कीमतों में फिर से बढ़ने पर चिंता होने लगी है। सरकार को कीमतों पर अंकुश लगाना चाहिए।
- पाना देवी, गृहणी
आलू की कीमतों में गिरावट आने से काफी राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से कीमतों में उछाल आने लगा है। इससे तो रसोई का बजट बहुत बिगड़ जाएगा। – उमा, गृहणी
मंडी में पुराने आलू का स्टॉक तेजी से घट रहा है। अभी स्थानीय अगैती आलू की फसल आने में समय है। आलू की कमी का असर इसकी कीमतों पर पड़ रहा है।
-अमित साहू विक्रेता
इन दिनों पंजाब के आलू की अच्छी आवक होने लगती थी, लेकिन अभी तक इसकी आवक नहीं हुई है। इसमें 10 दिन का समय और लग सकता है। तभी कीमतें घट सकती हैं। - कुमरेश विक्रेता।